Lata Mangeshkar death anniversary : स्वरकोकिला लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) की आज पहली पुण्यतिथि है. इस मौके पर उनके चाहनेवालों की आंखें नम हो गईं हैं. लोग उन्हें अलग-अलग तरह से याद कर रहे हैं. इस बीच हाल ही में लता दीदी की बहन उषा मंगेशकर (Lata Mangeshkar Usha Mangeshkar) ने उनके बारे में बात की है. जिसमें उन्होंने खुलासा किया है कि लता दीदी को गए एक साल पूरा हो चुका है, लेकिन अभी भी उनके भाई हृदयनाथ मंगेशकर (Lata Mangeshkar Hridaynath Mangeshkar) उन्हें भुला नहीं पाएं हैं और सदमे में हैं. उन्होंने ये भी बताया कि जब से दीदी गईं हैं, तब से उन्होंने गाजर का हलवा खाना छोड़ दिया है.
दरअसल, एक इंटरव्यू के दौरान उषा मंगेशकर से सवाल किया गया कि लता दीदी के जाने के बाद परिवारवालों की हालत कैसी है? जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि लता दीदी के सबसे करीब उनके भाई हृदयनाथ थे. जिनसे वो सबसे ज्यादा प्यार करती थी. हालांकि, भाई का पैर खराब होने की वजह से दीदी को बहुत तकलीफ होती थी. लेकिन उनका टैलेंट देखकर उन्हें बहुत गर्व होता था. लता दीदी के निधन का भाई पर बहुत गहरा सदमा लगा. वो पिछले एक साल बीमार रहे. हालांकि, अब धीरे-धीरे वो इस सदमे से उबरने की कोशिश कर रहे हैं और उनकी हालत काफी बेहतर हो गई है.
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उषा ताई कहती हैं कि लता दीदी के जाने के बाद भी वो उनके साथ हैं. वो आज भी पहले की तरह उनके कमरे में जाकर बैठती हैं बातचीत करती हैं. उन्हें इस बात का विश्वास है कि उनके पीछे लता दीदी खड़ी हैं. इसके अलावा वो बताती हैं कि लता मंगेशकर खाना बहुत अच्छा बनाती थी. लेकिन उनका बनाया गाजर का हलवा सबका पसंदीदा था. उनके इस दुनिया से जाने के बाद उन्होंने गाजर का हलवा खाना छोड़ दिया है. उन्होंने ये सोच लिया है कि अब लता दीदी नहीं, तो गाजर का हलवा भी नहीं.
HIGHLIGHTS
- लता दीदी को इस दुनिया से गए हो गया एक साल
- उषा ताई ने लता दीदी के साथ होने की कही बात
- निधन के बाद एक साल से सदमे में हैं भाई हृदयनाथ