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सिपाही की एक सलाह से सब इंस्पेक्टर कुलभूषण पंडित बन गए बॉलीवुड के 'राजकुमार'

8 अक्टूबर 1929 को पाकिस्तान के ब्लूचिस्तान में जन्में राजकुमार (Raaj Kumar) का असली नाम कुलभूषण पंडित था, लेकिन अभिनय की दुनिया ने उन्हें नया नाम दिया

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Akanksha Tiwari
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अभिनेता राजकुमार जन्मदिन( Photo Credit : फोटो- @bollywood.nostalgia Instagram)

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हिंदी सिनेमाजगत में दमदार आवाज और अपने सबसे अलग अंदाज के लिए पहचाने जाने वाले दिग्गज अभिनेता राजकुमार (Raaj Kumar) का आज जन्मदिन है. 8 अक्टूबर 1929 को पाकिस्तान के ब्लूचिस्तान में जन्में राजकुमार (Raaj Kumar) का असली नाम कुलभूषण पंडित था, लेकिन अभिनय की दुनिया ने उन्हें नया नाम दिया. कम ही लोग जानते होंगे कि अभिनय के क्षेत्र में एंट्री करने से पहले राजकुमार (Raaj Kumar) मुंबई के माहिम पुलिस थाने में बतौर सब इंस्पेक्टर काम कर रहे थे.

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Remembering Raaj kumar on his birth anniversary his real name was Khulbhushan Pandit, he would have completed 92 today, he was one of the most charming and charismatic actor who was known for his acting skills and dialogue delivery.. Here are some of his iconic dialogues ❤ His son Puru said in an interview, 'Dad was romantic. He sought romance even in the smallest things - like driving in his jeep with mom to have paan at Peddar Road. They also enjoyed watching TV or reading a book together. They'd debate on even what to make for lunch. And when she'd cook something, she'd wait for him to compliment. But he'd be busy eating. Then hours later, looking into nothingness, he'd say, ‘What you prepared today was delicious'.' . 'I Don't Do Fashion, I Am Fashion' 'Dad was interested in fashion but he wasn't a fashion victim. He liked wearing kurta pyjama, shirts and trousers and khadau (wooden sandals). He imbibed a lot from his trips to Switzerland and London and picked up stuff from there. There would be fabric brought home for curtains. And a week later, he'd be walking around in a shirt made of that material. That was him.' #raajkumar

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सब इंस्पेक्टर की नौकरी के दौरान ही एक दिन गश्त कर रहे राजकुमार से एक सिपाही ने कहा कि हजूर आप रंग-ढंग और कद काठी से एकदम हीरो दिखते हैं. आप अगर फिल्मों में अपनी किस्मत आजमाएं तो लाखों दिलों को आसानी से जीत सकते हैं. सिपाही द्वारा कही गई इस बात ने राजकुमार की जिंदगी बदल दी.

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खबरों के मुताबिक, मुंबई के माहिम पुलिस थाने में एक बार निर्माता बलदेव दुबे पहुंचे और सब इंस्पेक्टर कुलभूषण पंडित के बातचीत के तरीके से काफी प्रभावित हुए. ये वो समय था जब फिल्ममेकर बलदेव दुबे अपनी फिल्म शाही बाजार की तैयारी कर रहे थे. बलदेव दुबे, कुलभूषण पंडित से इतने इंप्रेस हुए कि फिल्मों में काम करने का ऑफर दे दिया. इसके बाद क्या था सब इंस्पेक्टर कुलभूषण पंडित को भी सिपाही के द्वारा कही बात याद आई और उन्होंने उन्होंने नौकरी से इस्तीफा देकर निर्माता बलदेव दुबे का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया. इसके बाद राजकुमार ने अपने अभिनय से हिंदी सिनेमाजगत को एक से बढ़कर एक फिल्में दीं. जिनमें पैगाम, वक्त, नीलकमल, पाकिजा, मर्यादा, हीर रांझा और सौदागर जैसी फिल्मों के नाम शामिल हैं. 3 जुलाई 1996 में फिल्म जगत के राजकुमार इस रंगीन दुनिया से पर्दा कर सबको अलविदा कह गए.

Source : News Nation Bureau

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