दोहरे शोक में डूबा बॉलीवुड, अनवर सागर के बाद अब इस फेमस फिल्ममेकर का निधन
बासु चटर्जी (Basu Chatterjee) ने सांताक्रूज स्थित अपने आवास में नींद में ही अंतिम सांस ली. इंडियन फिल्म एंड टेलीविजन डायरेक्टर्स एसोसिएशन (आईएफडीटीए) के अध्यक्ष अशोक पंडित ने मीडिया से कहा कि उन्होंने सुबह के समय नींद में ही शांति से अंतिम सांस ली
'छोटी-सी बात' और 'रजनीगन्धा' जैसी फिल्मों के लिए पहचाने जाने वाले अनुभवी डायरेक्टर और स्क्रीनराइटर बासु चटर्जी (Basu Chatterjee) का उम्र संबंधी बीमारियों के कारण बृहस्पतिवार को निधन हो गया. वह 93 वर्ष के थे. बासु चटर्जी (Basu Chatterjee) ने सांताक्रूज स्थित अपने आवास में नींद में ही अंतिम सांस ली. इंडियन फिल्म एंड टेलीविजन डायरेक्टर्स एसोसिएशन (आईएफडीटीए) के अध्यक्ष अशोक पंडित ने मीडिया से कहा, 'उन्होंने सुबह के समय नींद में ही शांति से अंतिम सांस ली. वह उम्र संबंधी दिक्कतों के कारण पिछले कुछ समय से ठीक नहीं चल रहे थे और उनके आवास पर ही उनका निधन हुआ. यह फिल्म उद्योग के लिए भारी क्षति है.'
I am extremely grieved to inform you all of the demise of Legendary Filmmaker #BasuChatterjee ji. His last rites will be performed today at Santacruz crematorium at 2 pm.
अशोक पंडित ने बताया कि फिल्म निर्माता का अंतिम संस्कार सांता क्रूज श्मशान घाट पर किया जाएगा. डायरेक्टर और स्क्रीनराइटर बासु चटर्जी ने साल 1969 में आई अपनी फिल्म 'सारा आकाश' के जरिए फिल्मी दुनिया में कदम रखा था. इस फिल्म से पहले बासु चटर्जी (Basu Chatterjee) ने राज कपूर और वहीदा रहमान स्टारर फिल्म 'तीसरी कसम' के निर्देशक बासु भट्टाचार्य के सहायक के तौर पर काम किया था. हिंदी सिनेमा जगत के 70 व 80 के दशक में बासु चटर्जी (Basu Chatterjee) 'उस पार', 'चितचोर', 'पिया का घर', 'खट्टा मीठा', 'चक्रव्यूह', 'शौकीन', 'रुका हुआ फैसला', 'जीना यहां', 'प्रियतमा' जैसी बेहतरीन फिल्में दी हैं.