पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को किसी भी बायोपिक से अपने संबंध से इनकार किया और लोगों को चेतावनी देते हुए कहा कि वे उन्हें मानहानि का मुकदमा करने के लिए मजबूर न करें. बनर्जी ने ट्वीट किया, "यह किस तरह का बकवास फैलाया जा रहा है! मेरा किसी भी बायोपिक से कोई लेना-देना नहीं है."
उन्होंने लोगों को चेतवानी देते हुए कहा, "झूठ फैलाने के लिए कृपया मुझे मानहानि का मुकदमा करने पर मजबूर न करें."
बंगाली फिल्म 'बाघिनी-बंगाल टाइग्रेस' एक ऐसी साधारण लड़की की कहानी है, जो अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ संघर्ष करते हुए राज्य की मुख्यमंत्री बनने तक का सफर तय करती है.
यह कहानी बनर्जी की जिंदगी से मिलती-जुलती है, जिन्होंने पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चा की सरकार के खिलाफ कड़ा संघर्ष किया था और वाम मोर्चा के 30 वर्षो के शासनकाल को उखाड़ कर 2011 में सत्ता हासिल की थी.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की बंगाल इकाई फिल्म की 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बयोपिक की तर्ज पर चुनाव आयोग द्वारा समीक्षा के लिए' आयोग के पास पहुंची है. बनर्जी ने कहा, "अगर कुछ युवा लड़कों ने कुछ कहानियां इकट्ठी की और खुद को अभिव्यक्त किया तो यह उनका मामला है. यह मुझसे संबंधित नहीं है. मैं नरेंद्र मोदी नहीं हूं."