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जब लता दीदी की वजह से गायन में भी शुरू करना पड़ा था फिल्मफेयर अवॉर्ड

उस दौरान जब चोरी-चोरी को सर्वश्रेष्ठ संगीत का फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार मिला तो जयकिशन ने लता मंगेशकर से इस बात के लिए आग्रह किया कि 'चोरी-चोरी' का लोकप्रिय विरह गीत 'रसिक बलमा' पुरस्कार समारोह में गा दें तो कार्यक्रम में चार चांद लग जाएंगे.

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Vijay Shankar
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Lata Mangeshkar Filmfare award

Lata Mangeshkar Filmfare award ( Photo Credit : File)

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फिल्मफेयर अवॉर्ड (Filmfare Awards) बॉलीवुड के सबसे प्रतिष्ठित अवार्ड में एक है. इस अवार्ड से संबंधित लता जी को लेकर एक रोचक कहानी है जिसे सुनकर आपको भी हैरानी होगी. हालांकि शुरुआत में गायन को छोड़कर बेस्ट फिल्म अवार्ड, बेस्ट एक्टर, बेस्ट संगीत जैसे कैटेगरी में दिया जाता था. आपको भी सुनकर आश्चर्य होगा कि लता मंगेशकर की वजह से ही गायन के क्षेत्र में शुरू हो पाया था. इसके पीछे एक दिलचस्प क़िस्सा है. बात 1957 की है. जब राजकपूर की फ़िल्म चोरी-चोरी के संगीत के लिए उनकी पसंदीदा संगीतकार जोड़ी शंकर-जयकिशन को फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार के लिए चुना गया. इस फ़िल्म में सबसे खास बात यह थी कि प्रसिद्ध गायक मुकेश के बहुत व्यस्त होने की वजह से उनकी जगह संगीतकार जोड़ी ने पहली बार मन्ना डे को राजकपूर के लिए पार्श्व गायक चुना था.

उस दौरान जब चोरी-चोरी को सर्वश्रेष्ठ संगीत का फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार मिला तो जयकिशन ने लता मंगेशकर से इस बात के लिए आग्रह किया कि 'चोरी-चोरी' का लोकप्रिय विरह गीत 'रसिक बलमा' पुरस्कार समारोह में गा दें तो कार्यक्रम में चार चांद लग जाएंगे. फिल्म का यह गाना नर्गिस पर फ़िल्माया गया था और आज तक लता मंगेशकर के सदाबहार सर्वश्रेष्ठ गानों में गिना जाता है. उस दौरान तब जयकिशन की उम्मीदों पर पानी फिर गया जब लता मंगेशकर ने उनका आग्रह अस्वीकार कर दिया. लता ने जयकिशन से साफ शब्दों में कहा कि पुरस्कार फ़िल्म के संगीत को मिला है, गायन को नहीं. इसलिए समारोह में इस गाने की धुन बजाकर ही काम चला लें.  हालांकि जयकिशन लता मंगेशकर के इस जवाब से थोड़े मायूस जरूर हुए क्योकि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि लता मंगेशकर उनका यह आग्रह इस तरह ठुकरा देंगी.

ऐसे हुई फिल्मफेयर अवार्ड में गायन को लेकर पुरस्कार की घोषणा
जब इस मामले की विवाद की गूंज फिल्मफ़ेयर पुरस्कार देने वाली बेनेट कोलमेन कंपनी और टाइम्स ऑफ इंडिया समूह तक भी पहुंच तो गायन के क्षेत्र में पुरस्कार देने की चर्चा शुरू हो गई. बाद में लता मंगेशकर की नाखुशी और जयकिशन को किए गए इनकार के बाद उठे विवाद का अच्छा नतीजा निकला और आखिरकार वर्ष 1958 से फिल्मफेयर पुरस्कारों में पार्श्व गायन की कैटेगरी की शुरुआत भी हो गई. 1958 में पहला ही फिल्मफेयर पुरस्कार मिला लता मंगेशकर को. फ़िल्म थी बिमल राय की मधुमती और गाना था आ जा रे, परदेसी. यह गाना वैजयंती माला पर फ़िल्माया था और फिल्म के संगीतकार थे सलील चौधरी. 

Source : News Nation Bureau

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