डायरेक्टर संजय लीला भंसाली (Sanjay Leela Bhansali) के बर्थडे के खास मौके पर मच अवेटेड फिल्म 'गंगूबाई काठियावाड़ी' (Gangubai Kathiawadi) का टीजर 24 फरवरी को रिलीज किया गया. टीजर के रिलीज होते ही सोशल मीडिया पर लोग इसकी तारीफ करने लगे हैं. टीजर में आलिया का दमदार लुक देखते ही बन रहा है.. इसके साथ ही टीजर में सुनाई दिए डायलॉग्स भी खूब सुर्खियां बटोर रहे हैं. शुरुआत के डायलॉग 'कहते हैं कमाठीपुरा में कभी अमावस की रात नहीं होती, क्योंकि वहां गंगू रहती है...' सोशल मीडिया पर छाया हुआ है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आलिया भट्ट जिन गंगूबाई के किरदार में नजर आ रही हैं आखिर उनकी असली कहानी क्या है.
फिल्म 'गंगूबाई काठियावाड़ी' (Gangubai Kathiawadi) की कहानी मशहूर लेखक एस हुसैन जैदी की किताब 'माफिया क्वीन्स ऑफ मुंबई' के एक अध्याय पर आधारित है. गुजरात के काठियावाड़ से आईं गंगूबाई कठियावाड़ी, 60 के दशक में मुंबई के कमाठीपुरा में वेश्यालय चलाती थीं.
गंगूबाई काठियावाड़ी की काठियावाड़ से मुंबई तक पहुंचने की कहानी काफी दर्दनाक है. गंगूबाई का असली नाम गंगा हरजीवनदास काठियावाड़ी था. गुजरात के काठियावाड़ के एक समृद्ध परिवार से ताल्लुक रखने वालीं गंगा मुंबई आकर हीरोइन बनना चाहती थीं. 16 साल की कच्ची उम्र में गंगा अपने पिता के अकाउंटेंट के प्यार में पड़ गई और उनके साथ मुंबई चली आईं. यहां आकर दोनों ने शादी कर ली.
शादी के कुछ ही दिनों बाद गंगा हरजीवनदास काठियावाड़ी के पति ने महज कुछ रुपयों के लिए उन्हें एक कोठे पर बेच दिया. इसके बाद गंगा की जिंदगी में इतने उतार-चढ़ाव आए कि वह गंगा से वह कोठेवाली गंगूबाई बन गईं. गंगूबाई हमेशा सेक्स वर्कस के अधिकारों के लिए आवाज उठाती थीं. कहा जाता है कि गंगूबाई किसी को अपनी मर्जी के बिना कोठे पर नहीं रखती थीं. गंगूबाई ने अपनी जिंदगी में सेक्सवर्कस और अनाथ बच्चों के लिए बहुत काम किया था. हुसैन जैदी की किताब में गंगूबाई काठियावाड़ी की माफिया डॉन करीम लाला से करीबी का भी जिक्र है.
फिल्म 'गंगूबाई काठियावाड़ी' (Gangubai Kathiawadi) 30 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है. अब देखना होगा कि आलिया भट्ट की इस फिल्म को दर्शकों को कितना प्यार मिलता है.