बॉलीवुड के 'ट्रेजडी किंग' दिलीप कुमार 95 साल के हो चुके हैं। उम्र के इस पड़ाव पर वह अनेक परेशानियों से जूझ रहे हैं। उन्होंने अपने फिल्मी करियर में कई हिट फिल्में दीं। जिन्हें फिल्म जगत कभी भूला नहीं सकता। यहां तक की अभिनेता अमिताभ बच्चन ने भी कहा कि अगर हिन्दी सिनेमा का इतिहास लिखा जाएगा तो वो दिलीप कुमार के पहले और कुमार बाद के दो भागों में लिखा जाएगा।दिलीप साहब ने बॉलीवुड में अपनी करियर की शुरुआत 1944 में आई फिल्म 'ज्वार भाटा' से की थी।
उनका नाम पहले मुहम्मद यूसुफ खान था। फिल्मों में आने के बाद उन्होंने अपना नाम दिलीप कुमार रख लिया। उनको आखिरी बार 1998 में आई 'किला' फिल्म में देखा गया था। उन्हें 1994 में दादासाहेब फाल्के अवार्ड मिल चुका है, जबकि 2015 में वह पद्म विभूषण से भी नवाजे जा चुके हैं। 'देवदास', 'मुगल-ए-आजम और 'कर्मा' जैसी फिल्मों में अपने बेमिसाल अभिनय के लिए लोकप्रिय दिलीप कुमार ने 1966 में अपनी उम्र से 20 वर्ष छोटी सायरा बानो से शादी की थी।
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आखिर क्यों कहा जाता है दिलीप कुमार को 'ट्रेजडी किंग'
दिलीप कुमार की बॉलीवुड में पहली फिल्म 'ज्वार भाटा' 1944 में आई थी। इसके बाद 1949 में उनकी दूसरी फिल्म आई 'अंदाज' इस फिल्म ने उन्हें रातों-रात लोकप्रीय बना दिया था। इन पहली दो फिल्मों में दिलीप कुमार ने ऐसे नायकों की भूमिका निभाई जिसके जीवन में दुख है, जो अपने जीवन के संघर्षों से लड़ रहा है। फिर 1951 में उनकी फिल्म आई दीदार और 1955 में आई फिल्म 'देवदास'। ये फिल्में उनके करियर की हिट फिल्मों में शामिल हैं, जिनमें जबरदस्त अभिनय से उन्होंने बॉलीवुज में अपनी अलग पहचान बनाई। ऐसे माना जाने लगा कि दिलीप कुमार ट्रेजडी रोल बहुत बेहतरीन तरीके से निभाते हैं। इस तरह के किरदारों में उनका ढल जाना और पूरी सच्चाई से उस किरदार को निभाना दिलीप कुमार की ताकत बन गया। अपनी भूमिकाओं में वह इस कदर मशहूर हो गए कि उन्हें 'ट्रेजडी किंग' के नाम से जाना जाने लगा।
Source : News Nation Bureau