आज के दिन दुनिया भर में वर्ल्ड ऑटिज्म जागरूकता दिवस (World Autism Awareness Day) मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का खास उद्देश्य ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों के जीवन में सुधार लाना है. इस बीमारी से ग्रसित बच्चों को बेहतरी और सुधार के लिए कुछ कदम उठाए जाते हैं. ऑटिज्म एक ऐसी बीमारी है, जिसमें बच्चों का दिमाग ठीक तरह से विकसित नहीं हो पाता है. बच्चे को कोई भी चीज देर से समझ आती है, ये बच्चे दिखने में भी अलग होते हैं. ये बच्चे अपनी हीन धुन में रहते हैं, इन्हें कोई बात जल्दी से सुनाई भी नहीं देती.WHO के अनुसार, 100 में से लगभग 1 बच्चे को ऑटिज्म होता है. ऑटिस्टिक (Autism) लोगों की क्षमताएं और जरूरतें अलग-अलग होती हैं और समय के साथ विकसित हो सकती हैं. ऑटिज्म से पीड़ित कुछ लोग स्वतंत्र रूप से रह सकते हैं, जबकि अन्य को जीवन भर देखभाल और सहायता की आवश्यकता होगी."ऑटिज्म से पीड़ित बच्चे को शांत करना तनावपूर्ण और चुनौतीपूर्ण हो सकता है. यह एक ऑनगोइिंग प्रोसेस है.
रिसर्च के मुताबिक, माता-पिता को बिना निर्णय के सरल शब्दों और सीधे निर्देशों का उपयोग करते हुए बच्चे से बात करनी चाहिए. क्रोध के प्रकोप से निपटने के लिए कुछ महत्वपूर्ण तरीके अपनाने चहिए. ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों के साथ माता-पिता को बहुत की धैर्य के साथ पेश आना चाहिए, उन्हें फोटो के जरिए चीजें समझाएं, बच्चों के साथ आउटडोर गेम्स खिलाएं, इससे बच्चों का आत्मविश्वास भी बढे़गा.
वहीं बात करें बॉलीवुड की तो बॉलीवुड में लोगों के अंदर जागरूकता फैलाने के लिए कई फिल्में बनी हैं.
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नेटफलिक्स में आई ऑटिज्म की फिल्में
कोई मिल गया में लीड रोल प्ले करने वाले ऋतिक रोशन भी इसी बीमारी का शिकार थे, साथ ही माय नेम इज खान, मैं ऐसा ही हूं, बर्फी, ब्लैक, जैसी कई फिल्में इस विषय पर बनी है. साथ ही नेटफलिक्स पर भी द बॉय हू कूल्ड फ्लॉई, मर्करी राइजिंग, फ्लाइ अवे जैसी कई फिल्में नेटफलिक्स पर देखी गई हैं.