आने वाले समय में जब कभी 2020 का जिक्र होगा, लोगों के जुबान पर शायद एक ही बात आए कि बहुत मनहूस साल था. इस साल कोरोना वायरस ने दुनियाभर में अपने पैर पसारे. कई लोग इसकी वजह से अपनों को मुखाग्नि तक नहीं दे पाए. इसी बीच कई ऐसे लोगों ने भी दुनिया को अलविदा कह दिया जो हमारे सगे बेशक नहीं थे लेकिन उनको पर्दें पर देखा, सुर्खियों में सुना और वो अपने लगने लगे. साल 2020 वैसे को पूरी दुनिया के लिए ही मनहूस साबित हुआ है लेकिन फिल्म इंडस्ट्री के लिए इससे बुरा साल शायद पिछले 100 साल में नहीं रहा.
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जिन अभिनेताओं की फिल्मों ने हमें गुदगुदाया, उदास चेहरे को भी खिलखिलाने पर मजबूर कर दिया अब वो हमें मायूस कर जा चुके हैं. ऐसे संगीतकार जिनके गाने आज भी अक्सर हम गुनगुनाने लगते हैं, एक पल को अहसास नहीं होता कि अब वह हमारे बीच नही हैं. इनकी मौत ना जाने कितनी आंखों को नम कर गई. आज हम बात करेंगे ऐसी ही कुछ हस्तियों की जो अपने पीछे ढेर सारी यादें और लोगों को गमगीन कर उनकी जुबान ये अल्फाज छोड़ गए कि काश! तुम इतनी जल्दी नहीं जाते.
अच्छे अदाकारों की बात होती है तो कुछ चुनिंदा सितारों में इरफान खान का नाम जरूर शुमार किया जाता है. बॉलीवुड हो या हॉलीवुड, सब जगह अपनी छाप छोड़ने वाले पान सिंह तोमर का अभिनय करने वाले इरफान खान (Irrfan Khan) का निधन बहुत समय से न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर से ग्रस्त रहने के बाद 29 अप्रैल को हो गया था.
इसी महीने की आखिरी तारीख यानि 30 अप्रैल को फिल्मी जगत के एक और दिग्गज अभिनेता ऋषि कपूर (Rishi Kapoor) भी दुनिया से रुखसत हो गए थे. आपको बता दें कि प्यार से चिंटू कहे जाने वाले ऋषि कैंसर से पीड़ित थे और करीब एक साल तक उनका अमेरिका में इलाज भी चला था.
1971 में आई फिल्म आनंद के 'कहीं दूर जब दिन ढल जाय' और 'जिंदगी कैसी है पहेली' जैसे बैहतरीन गीतों के लिए पहचाने जाने वाले भारतीय लेखक और गीतकार योगेश गौड़ (Yogesh Gaur) के निधन से 29 मई को बॉलीवुड को बहुत बड़ा झटका लगा.
इससे पहले इसी महीने की 23 तारीख को मशहूर अभिनेता और कॉमेडियन मोहित बघेल (Mohit Baghel) का निधन 23 मई को हो गया था. उनकी उम्र महज 27 साल थी. मोहित ने सलमान खान समेत कई बड़े स्टर्स के साथ काम किया है.
वहीं 25 मई को टीवी एक्ट्रेस प्रेक्षा मेहता (Preksha Mehta) की खुशकुशी की खबर सामने आई थी.
साल 2020 में आगे बढ़ते हुए समय और मुश्किल होता गया. जून के महीना मायूसी से भर रहा. 1 जून को बॉलीवुड के म्यूजिक कंपोसर वाजिद खान (Wajid Khan) वर्सोवा कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक हुए.
छोटी सी बात, रजनीगंधा, चमेली की शादी जैसी बड़ी फिल्मों का निर्देशन करने वाले बासु चटर्जी (Basu Chatterjee) ने 4 जून को अंतिम सांस ली.
7 जून को कन्नड सिनेमा की जान चिरंजीवी सर्जा (Chiranjeevi Sarja) कम उम्र में सबको अपनी यादों के साथ छोड़कर चले गए.
14 जून को जब सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की मौत की ख़बर सामने आई तो लोगों को यकीन ही नहीं हुआ. जिंदादिल सुशांत जिसने अपने जाने से पहले छिछोरे फिल्म के जरिए जिंदगी की इतनी बड़ी सीख दी उनके यूं शांत हो जाने ने सभी के मन में बेचैनी पैदा कर दी थी. सुशांत के अचानक यूं चले जाने के बाद उनकी फिल्म दिल बेचारा ott पर रिलीज की गई. जिसने दर्शकों को सुशांत की याद में रोने पर मजबूर कर दिया.
बड़ी बड़ी हस्तियों को अपनी उंगलियों पर नचाने वाली सरोज खान (Saroj Khan) के थिरकते हुए पैर 3 जुलाई को थम गए. सरोज खान ने 'एक दो तीन', 'धक-धक करने लगा' जैसे मशहूर गानों पर डांस सिक्वेंस कोरियोग्राफ किया था.
सभी को हंसाने वाले और सूरमा भोपाली कहे जाने वाले जगदीप (Jagdeep) ने 8 जुलाई को लोगों की आंखों में आंसू भर दिए.
कभी आर कभी पार, मेरे महबूब कयामत होगी जैसे एवरग्रीन गानों में नजर आ चुकीं लेजेंडरी बॉलीवुड अभिनेत्री कुमकुम (Kumkum) ने 86 साल की उम्र में 28 जुलाई को मौत का दामन थाम लिया.
11 अगस्त को लफ्जों के जादूगर राहत इंदौरी (Rahat Indori) ने अंतिम सांस ली. उनकी कविता 'बुलाती है मगर जाने' का नहीं सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई.
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Source : Anjali Sharma