Chhath Songs: बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा की पिछले काफी समय से तबीयत ठीक नहीं चल रही हैं. वो दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती हैं और उनका इलाज चल रहा है. एक तरफ बिहार में छठ की तैयारी चल रही हैं, दूसरी तरफ सिंगर का अस्पताल में भर्ती होने से उनके फैंस काफी परेशान हैं. बता दें शारदा सिन्हा अपने छठ गानों (Sharda Sinha Chhath Songs) को लेकर काफी ज्यादा प्रसिद्ध हैं, उनके गानों छठ में हर घर में सुने जाते हैं. लेकिन क्या आपको पता हैं कि 'छठी मइया' के गानों को शारदा सिन्हा ने नहीं किसी और ने पहचान दी है. जी हां, वो हैं विंध्यवासिनी देवी (Vindhyavasini Devi), जिन्होंने छठ गीतों के एल्बम की शुरुआत की थी.
विंध्यवासिनी देवी ने दिलाई पहचान
बता दें, छठ गीतों के एल्बम की शुरुआत विंध्यवासिनी देवी के साथ मानी जाती है. उनके ‘सोने के खरउवां हो दीनानाथ...’, ‘केरवा जे फरेला घवध से, ओह पर सुगा मेंडराय....’ जैसे गीतों से छठ पूजा को नई पहचान मिली. उनकी उस एलब्म को एचएमवी बनाया था. साल 1979 में विंध्यवासिनी देवी के छठ गीतों को पहचान फिल्म ‘छठ मैया की महिमा’ से मिली. इस फिल्म के गानों को विंध्यवासिनी देवी ने अपनीन आवाज दी थी. उन्हें उनके गानों के लिए पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया.
शारदा सिन्हा ने धरोहर को बढ़ाया आगे
साल 1985 में शारदा सिन्हा का पहला छठ गीतों का एल्बम आया था, इसके बाद छठ के लिए जिसकी आवाज को जानी जाती रही वो हैं शारदा सिन्हा. इन्हें बिहार की कोकिला भी कहा जाता है. शारदा सिन्हा ने कभी भी छठ के गानों के सुर को बदलने की कोशिश नहीं की. बता दें, छठ के ज्यादातर गानों की धुन लगभग समान रहती है. शारदा सिन्हा के बाद भरत शर्मा व्यास, अनुराधा पौडवाल, विजया भारती, रंजना झा ने छठ को लेकर कई गीत गाए. नए गायक आए, संगीत भी नया आया, लेकिन छठ के गीतों की जो धरोहर है वो आज भी वहीं है.
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