बॉलीवुड की दुनिया में कदम रखने वाले हर नए सितारे की अपनी एक कहानी होती है, और दीया मिर्जा की कहानी भी उसी तरह की प्रेरणादायक है. 2001 में फिल्म ‘रहना है तेरे दिल में’ से अपने करियर की शुरुआत करने वाली दीया ने अपनी अदाकारी और सादगी से दर्शकों का दिल जीत लिया. हालांकि, उनकी इस यात्रा में चुनौतियां भी कम नहीं थीं.
शुरुआत में दीया को किया गया परेशान
दीया ने हाल ही में एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि शुरुआती 2000s में एक्ट्रेसेज के लिए इंडस्ट्री में कई कठिनाइयां थीं. उस दौर में बॉलीवुड के मानदंड बेहद कठोर थे, विशेषकर महिलाओं के वजन और लुक को लेकर. दीया ने बताया कि उस समय एक्ट्रेसेज को एक खास वजन और लुक बनाए रखने का दबाव था. यह केवल परसनल इनसिक्योरिटी का कारण नहीं था, बल्कि यह बड़े स्टार्स के साथ कास्टिंग के लिए एक अनिवार्य था.
मेल एक्टर करते थे दीया मिर्जा को परेशान
दीया ने अपनी शुरूआत के बारे में कहा, “मैं हर्ट थी और बहुत घबराई हुई थी. इंडस्ट्री और मीडिया से हमें यही संदेश मिलता था कि महिलाओं की शेल्फ लाइफ बहुत छोटी होती है, चाहे आपकी उम्र कितनी भी हो. एक्ट्रेसेज के लिए यह सब बहुत ही चुनौतीपूर्ण था.” इस दौर में बड़े स्टार्स के साथ काम करने की चाहत ने भी एक्ट्रेसेज के सामने कई अड़चनों को खड़ा किया.
दबाव का असर दीया के आत्म-विश्वास पर भी पड़ा
दीया ने बताया कि मेल सुपरस्टार्स की विशेष अपेक्षाएं थीं, वे एक खास उम्र, वजन और लुक की एक्ट्रेसेज को पसंद करते थे. इस दबाव का असर दीया के आत्म-विश्वास पर भी पड़ा. दीया ने इन चुनौतियों का सामना किया और एक मजबूत करियर बनाया. ‘रहना है तेरे दिल में’ के बाद उन्होंने ‘दम’, ‘तहजीब’, ‘तुमसा नहीं देखा’, ‘परिणीता’, और ‘लगे रहो मुन्ना भाई’ जैसी कई फिल्मों में काम किया.
सीरीज ‘IC 814: द कंधार हाईजैक’ में दिखीं एक्ट्रेस
वर्तमान में, दीया अनुभव सिन्हा की नेटफ्लिक्स वेब सीरीज ‘IC 814: द कंधार हाईजैक’ में एक जर्नलिस्ट के किरदार में नजर आ रही हैं, जो एक ऐतिहासिक घटना पर आधारित है. दीया की यात्रा यह दर्शाती है कि कठिनाइयों के बावजूद, सच्ची मेहनत और समर्पण के साथ सफलता प्राप्त की जा सकती है. उनका संघर्ष और कामयाबी आज भी कई नए कलाकारों के लिए प्रेरणा है.