सेबेस्टियन स्टेन-स्टारर फ़िल्म "द अप्रेंटिस," जिसने कान फ़िल्म फ़ेस्टिवल में अपनी पहली प्रदर्शनी के दौरान काफी सुर्खियां बटोरीं, अब एक नए विवाद का केंद्र बन गई है. डोनाल्ड ट्रम्प की टीम ने फ़िल्म के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की धमकी दी थी, लेकिन हालिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अब ऐसा लगता है कि ट्रम्प की टीम ने इस मामले से दूर रहने का फैसला लिया है.
फ़िल्म को कानूनी समस्या का सामना
डेडलाइन के मुताबिक, ट्रम्प की टीम ने उम्मीद जताई है कि इस विवाद के बावजूद फ़िल्म समय के साथ अपनी महत्वता खो देगी. उनका मानना है कि फ़िल्म की कहानी और इसके द्वारा उठाए गए मुद्दे वर्तमान में ट्रम्प की छवि को प्रभावित नहीं करेंगे. इस फैसला के चलते, फिलहाल फ़िल्म को किसी गंभीर कानूनी समस्या का सामना नहीं करना पड़ रहा है.
ट्रम्प की कानूनी टीम ने शुरुआत की
हालांकि, ट्रम्प की कानूनी टीम ने शुरुआत में फ़िल्म के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया था. जब "द अप्रेंटिस" की स्क्रीनिंग कान फ़िल्म फ़ेस्टिवल में हुई, तो ट्रम्प के अभियान ने फ़िल्म निर्माताओं को अमेरिकी वितरण पर रोक लगाने का आदेश दिया और कानूनी कार्रवाई की धमकी दी थी. इसके अलावा, ट्रम्प के वकीलों ने फ़िल्म के खिलाफ़ अमेरिकी बाजार में वितरण रोकने के लिए एक तिथि निर्धारित की थी—27 मई, 2024.
वकीलों ने फ़िल्म को "झूठ का मिश्रण" बताया
ट्रम्प के ढिल्लन लॉ ग्रुप के वकीलों ने फ़िल्म को "झूठ का एक मिश्रण" बताया और आरोप लगाया कि यह अमेरिका के चुनावों में विदेशी हस्तक्षेप का प्रतिनिधित्व करती है. उन्होंने यह भी चेतावनी दी थी कि यदि फ़िल्म अमेरिका में अपने वितरण और विपणन को जारी रखती है, तो वे सभी कानूनी उपाय अपनाएंगे.
ट्रम्प की मुकदमेबाज़ी पर प्रकाश डाला
वहीं, फ़िल्म के निर्देशक अली अब्बासी ने इस विवाद पर टिप्पणी करते हुए कहा कि फ़िल्म का उद्देश्य ट्रम्प की मुकदमेबाज़ी पर प्रकाश डालना है, न कि उनके सफल करियर की समीक्षा करना. अब देखना यह होगा कि क्या भविष्य में ट्रम्प की टीम इस मामले पर फिर से सक्रिय होती है या नहीं. इस नए अपडेट के साथ, "द अप्रेंटिस" का कानूनी विवाद और इसकी फिल्मी यात्रा और भी दिलचस्प हो गई है.