बेस्ट शॉट सब्जेक्ट फिल्म 'पीरियड. एंड ऑफ सेंटेंस' (Period. End of sentance) की ऑस्कर विजेता सुमन और स्नेहा आज तड़के दिल्ली पहुंच गई हैं. एयरपोर्ट पर लोगों ने उन दोनों का जोरदार स्वागत किया. ऑस्कर विजेता स्नेहा ने कहा, मैं बहुत खुश हूं. मैं कहना चहाती हूं कि जब मैं यह कर सकती हूं तो दुनिया की कोई भी लड़की या महिला यह कर सकती है.
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बता दें कि भारत में मासिक धर्म से जुड़ी वर्जनाओं पर आधारित फिल्म 'पीरियड. एंड ऑफ सेंटेंस' ने 91वें अकादमी पुरस्कार समारोह में डॉक्युमेंट्री शॉर्ट सब्जेक्ट की श्रेणी में ऑस्कर पुरस्कार हासिल किया है. अमेरिका के कैलिफॉर्निया के डॉल्बी थियेटर में सिनेमा के सबसे प्रतिष्ठित ऑस्कर अवॉर्ड्स का ऐलान हुआ.
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पीरियड जैसे टैबू पर बनी शॉर्ट डॉक्युमेंट्री 'पीरियड. एंड ऑफ सेंटेंस' ने बेस्ट डॉक्यूमेंट्री का अवॉर्ड जीता है. फिल्म की कहानी और स्टारकास्ट भारतीय हैं. जानकारी के अनुसार, यह डॉक्यूमेंट्री उत्तर प्रदेश के हापुड़ में रहने वाली लड़कियों के जीवन पर बनी है. इसमें दिखाया गया है कि गांवों में आज भी मासिक धर्म (पीरियड) को लेकर शर्म और डर की भावना बनी हुई है. माहवारी जैसे मुद्दे पर लोगों की जागरूकता ना के बराबर है.
Delhi: Suman (pic 1) & Sneha (pic 2), who appeared in the short film 'Period. End of Sentence' that won #Oscars2019 for 'Best Documentary Short Subject', arrive in Delhi. Sneha says, "I am very happy. I just want to say that if I can do it, then any girl in the world can do it." pic.twitter.com/r9ZSXk2FMv
— ANI (@ANI) March 2, 2019
डॉक्युमेंट्री में हापुड़ की स्नेहा ने अहम रोल निभाया है, जो पुलिस में भर्ती होना चाहती है. वह पीरियड को लेकर अन्य लोगों से अलग सोच रखती है. ऑस्कर जीतने के बाद स्नेहा रविवार को तड़के दिल्ली पहुंची, जहां उनका जोरदार स्वागत किया गया. 26 मिनट की फिल्म उत्तरी भारत के हापुड़ की लड़कियों और महिलाओं और उनके गांव में पैड मशीन की स्थापना के ईद-गिर्द घूमती है. फिल्म में मुरुगनाथम की सैनिटरी पैड मशीन के आविष्कार को भी दिखाया गया है.
Source : News Nation Bureau