लीना चंदावरकर का नाम हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के सुनहरे दौर में टॉप अभिनेत्रियों में शुमार है. उनकी अदाकारी ने लाखों दिलों को जीता, लेकिन उनकी निजी ज़िंदगी कई उतार-चढ़ावों से भरी रही. लीना ने 1970 के दशक में अपने करियर की शुरुआत की और बहुत जल्द ही वह फिल्म इंडस्ट्री की चर्चित अभिनेत्रियों में शामिल हो गईं. उनकी खूबसूरती और अभिनय ने उन्हें खास पहचान दिलाई, लेकिन उनकी खुशियों का सफर कुछ और ही कहानी बुन रहा था.
शादी और दुखद घटनाएं
लीना की पहली शादी इंडस्ट्रियल सिद्धार्थ बंदोदकर से हुई, जो गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री दयानंद बंदोदकर के बेटे थे. 1975 में एक भव्य समारोह में शादी करने के सिर्फ 11 दिन बाद ही सिद्धार्थ की एक दुर्घटना में मौत हो गई. इस घटना ने लीना को गहरे सदमे में डाल दिया और वह डिप्रेशन का शिकार हो गईं.
प्यार की दूसरी कहानी
सिद्धार्थ की मौत के बाद, लीना अपने माता-पिता के पास वापस लौट गईं. लेकिन समाज ने उन्हें "मांगलिक" की उपाधि देकर और भी परेशान कर दिया. इस कठिन समय में, उन्हें गायक किशोर कुमार से प्यार हुआ. किशोर के साथ एक फिल्म की शूटिंग के दौरान दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ीं. हालांकि, लीना किशोर से शादी करने में hesitant थीं, क्योंकि वह पहले से ही तीन बार शादी कर चुके थे.
विवाह और नई शुरुआत
किशोर कुमार ने लीना के पिता को मनाने के लिए "नफरत करने वालों के सीने में प्यार भर दो" गाया. इस पहल ने लीना के पिता को राजी कर दिया और 1980 में लीना और किशोर की शादी हो गई. इस दौरान लीना पहले से ही गर्भवती थीं, जो कि उनके विवाह के एक महत्वपूर्ण पल का हिस्सा बना.
दिल का दौरा पड़ने से मौत
हालांकि, खुशियों का यह सफर भी लंबा नहीं चला. 1987 में किशोर कुमार का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. लीना ने बताया कि किशोर की आखिरी अवस्था में उनकी स्थिति बहुत चिंताजनक थी. उनके चले जाने के बाद, लीना एक बार फिर विधवा हो गईं, केवल 36 साल की उम्र में.