अरबाज खान ने कहा- अच्छे किरदार निभाना चाहता हूं

अरबाज को उनके अभिनय करियर में अब तक की गई फिल्मों में अधिकतर रूप से सहायक किरदारों में देखा गया है, फिर चाहे वह 'दबंग', 'दबंग-2' हो या 'फ्रीकी अली'।

author-image
sunita mishra
एडिट
New Update
अरबाज खान ने कहा- अच्छे किरदार निभाना चाहता हूं

अरबाज खान (फाइल फोटो)

Advertisment

अपनी आगामी फिल्म 'जीना इसी का नाम है' के प्रचार में व्यस्त अरबाज खान का कहना है कि एक निर्देशक और निर्माता के तौर पर वह फिल्मों के निर्माण के वक्त बेहद सजग रहते हैं, लेकिन अभिनय के लिए वह अच्छे किरदारों को महत्व देते हैं और यही कारण है कि उन्हें अधिकतर सहायक भूमिकाओं में देखा जाता है।

राजधानी दिल्ली में जारी सुपर फाइट लीग के सेमीफाइनल मैच में अपनी फिल्म का प्रचार करने आए अरबाज को शेर-ए पंजाब और बेंगलुरु टाइगर्स के बीच हुए सेमीफाइनल मैच के लिए बेहद उत्साहित देखा गया। अरबाज को उनके अभिनय करियर में अब तक की गई फिल्मों में अधिकतर रूप से सहायक किरदारों में देखा गया है, फिर चाहे वह 'दबंग', 'दबंग-2' हो या 'फ्रीकी अली'।

इस बारे में पूछे जाने पर अरबाज ने कहा, 'मुझे लगता है कि मुख्य किरदार के बारे में कहूं, तो अब मैं एक ऐसे स्तर पर आ गया हूं, जिस स्तर पर खड़े हर इंसान को यह समझना चाहिए कि वह कहां मायने रखता है?'

अरबाज ने कहा, 'मैंने अधिकतर फिल्मों में मुख्य किरदारों के बजाए सहायक भूमिकाएं ही की हैं और मैं इससे बहुत खुश हूं। मुझे इनमें काम मिलता है और सहायक भूमिकाएं निभाने पर प्रशंसा भी मिलती है।'

ये भी पढ़ें, युवराज सिंह ने जहीर खान की 'गर्लफ्रेंड' सागरिका घाटगे से किया मजाक, तो युवी को मिला ये मजेदार जवाब

बकौल अरबाज, 'मेरा कोई लक्ष्य नहीं है कि मुझे मुख्य किरदार वाली एक फिल्म करनी है और उसमें पांच गानों में नजर आना है। मैं इस स्तर से आगे बढ़ चुका हूं और अब मुझे अच्छे किरदार और अच्छी फिल्में करनी है। अच्छे लोगों के साथ काम करना है।'

बॉलीवुड में 'दरार' फिल्म से कदम रखने वाले अरबाज को इस फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ खलनायक का फिल्म फेयर पुरस्कार मिला। उनका कहना है कि वह अपने लक्ष्यों और रचनात्मकता को निर्देशन के जरिए पूरा करते हैं।

अरबाज ने कहा, 'जहां तक रचनात्मकता और जुनून की बात है, मैं निर्देशक और निर्माता के तौर पर अपने उन लक्ष्यों को पूरा करता हूं और इसमें संतुष्ट हूं। अभिनय की बात अगर की जाए, तो किरदारों को लेकर में फिल्मों में मीन-मेख नहीं निकालता। मुझे जो किरदार पसंद आता है, उसे निभाने के लिए मैं हामी भर देता हूं। हालांकि, एक निर्देशक और निर्माता के तौर पर में देख-परख कर फिल्में चुनता और बनाता हूं।'

ये भी पढ़ें, मलयालम फिल्मों की अभिनेत्री भावना के अपहरण और छेड़छाड़ के मामले में ड्राइवर सहित 7 गिरफ्तार

सुपर फाइट लीग के बारे में अरबाज ने कहा, 'लोगों को एक्शन पसंद है और उस तर्ज पर यह लीग एक्शन से भरपूर है। इसलिए, लोगों को यह अधिक पसंद आ रही है। इसमें एक उत्साह और ऊर्जा होती है, जिसे आप अनुभव करते हैं।'

फिल्मों में एक्शन के मुख्य अंग है। हॉलीवुड की तुलना में बॉलीवुड फिल्मों में एक्शन की कमी के बारे में अरबाज ने कहा, 'ऐसा कुछ भी नहीं हैं। हमारी बॉलीवुड की फिल्मों में भी बहुत एक्शन होता है। फिल्म जगत के सभी बड़े कलाकार एक्शन करते हैं। फिर चाहे वो सलमान खान हों, अक्षय कुमार हों, शाहरुख खान हों या आमिर खान।'

बकौल अरबाज, 'हमारी फिल्मों में भी एक्शन होता है। अगर आप 70 या 80 की दशक की फिल्में देखें, तो उसमें एक्शन का ही दौर था। इस समय पर रोमांटिक फिल्में ज्यादा बननी शुरू हुई हैं। एक्शन तो मनोरंजन का एक स्रोत है, फिर चाहे वो फिल्मों से मिले या खेल से।'

ये भी पढ़ें, मलयालम अभिनेत्री भावना का अपहरण कर चलती कार में की छेड़छाड़, ड्राइवर मार्टिन गिरफ्तार

केशव पन्नेरी निर्देशित फिल्म 'जीना इसी का नाम है' है में अरबाज को एक सफल एनआरआई व्यवसायी आदित्य कपूर के रूप में देखा जाएगा। तीन मार्च को रिलीज हो रही इस फिल्म में हिमांश कोहली, आशुतोष राणा, प्रेम चोपड़ा, मंजरी फडनीस भी मुख्य भूमिकाओं में हैं।

Source : IANS

Arbaaz khan Dabang
Advertisment
Advertisment
Advertisment