एक्टर के सौतेले पिता मस्जिद के बाहर मंगवाते थे भीख, हफ्ते में 4 दिन रहते थे भूखे, दुखों से भरी रही जिंदगी

Bollywood actor Struggle Days: आज हम आपको एक ऐसे एक्टर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका बचपन बेहद गरीबी में बीता था. उन्होंने कब्रिस्तान में गुजारा किया था, तो वहीं वह भीख मांगकर अपना पेट भरते थे. उस एक्टर का नाम सुनकर आप हैरान रह जाएंगे.

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Sarika Swaroop
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सौतेले पिता मंगवाते थे मस्जिद के बाहर भीख

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Bollywood actor Struggle Days: बाॅलीवुड में कई ऐसे सेलेब्स है, जिन्होंने 'फर्श से अर्श तक' का सफर तय किया है. उन्होंने अपनी शुरुआती दौर में काफी दुख और दर्द झेले हैं, हालांकि बाद में इनकी किस्मत ने ऐसी करवट बदली की देखते ही देखते वह सुरस्टार बन गए. आज हम आपको एक ऐसे की एक्टर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका बचपन बेहद गरीबी में बीता था. उन्होंने कब्रिस्तान में गुजारा किया, तो वहीं वह भीख मांगकर अपना पेट भरते थे. उस एक्टर का नाम सुनकर आप हैरान रह जाएंगे.

कादर खान ने लोगों को खूब हंसाया

हम जिस एक्टर की बात कर रहे हैं उनका नाम कादर खान है. दिग्गज एक्टर कादर खान ने अपनी कॉमेडी से फैंस को हंसा-हंसा लोटपोट कर दिया था. उनकी एक्टिंग कमाल की थी. एक्टर ने गोविंदा संग कई फिल्में की हैं. दोनों की जोड़ी को लोगों ने काफी पसंद किया. न सिर्फ कॉमेडी बल्कि कादर खान ने पर्दे पर विलेन का किरदार निभाकर लोगों को खूब डराया भी है. वो हर रोल में फिट बैठ जाते थे. यही वजह है कि उन्होंने इंडस्ट्री में अपनी खास जगह बनाई थी.

अफगानिस्तान में हुआ था जन्म

हालांकि आपको बता दें कि कादर के लिए ये स्टारडम इतना आसान नहीं था. एक्टर ने अपने शुरुआती दौर में बहुत मुश्किलें देखी हैं. उन्होंने बचपन में तो बहुत गरीबी देखी. कादर खान का जन्म 22 अक्टूबर 1937 को हुआ था. वो अफगानिस्तान के काबुल में जन्मे थे. लेकिन जब कादर महज एक साल के ही थे जब उनके माता-पिता अफगानिस्तान से भारत आ गए. 

सौतेले पिता मंगवाते थे मस्जिद के बाहर भीख

कादर के माता-पिता मुंबई के स्लम इलाकों में झुग्गी-झोपड़ियों में रहने लगे. उनके परिवार की हालत बहुत खराब थी जिसकी वजह से एक्टर के माता-पिता हमेशा लड़ाई करते थे. इसके कुछ समय बाद कादर खान के माता पिता दोनों ने तलाक ले लिया. वहीं तलाक के बाद कादर की मां ने दूसरी शादी कर ली. जो उन्हें बहुत प्रताड़ित करता था. वहीं वह कादर से भी मस्जिद के बाहर भीख मंगवाता था.  

हफ्ते में 3 दिन ही खाते थे खाना

कहा जाता है कि कादर का पूरा परिवार हफ्ते में सिर्फ 3 दिन ही खाना खाता था और बाकी दिन भूखे ही रहता था. एक बार गरीबी से तंग आकर और दोस्तों की बातों में आकर कादर ने अपनी किताबें जला दी थीं, जिस पर उनकी मां काफी नाराज हुई थी. उन्होंने कादर से कहा कि वो नहीं पढ़ेंगे तो गरीबी कभी खत्म नहीं होगी. तभी उन्होंने अपनी मां से वादा किया था कि वह पढ़कर एक बड़ा आदमी बनेंगे. फिर उन्होंने ग्रेजुएशन की, फिर उन्होंने इंजीनियरिंग में पोस्ट ग्रेजुएशन की.

ऐसे बदली किस्मत

हालांकि इसी बीच उनकी मां का निधन हो गया, लेकिन मां के गुजर जाने के बाद भी कादर खान ने जमकर पढ़ाई की और अपनी मां से किया हुआ वादा को भी पूरा किया. जब वह मुंबई के एमएच साबू सिद्दीक कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में सिविल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर बने, तो साथ ही साथ वह थिएटर से भी जुड़े. उन दिनों उनका एक ड्रामा 'ताश के पत्ते' बहुत फेमस हुआ था और जब इस ड्रामा की खबर दिलीप कुमार तक पहुंची तो उन्होंने कादर खान को कॉल करके कहा व ह इस ड्रामा को देखना चाहते हैं. बस यहीं से उनकी फिल्मी करियर की शुरुआत हो गई और देखते ही देखते कादर खान सुपरस्टार बन गए.

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