बॉलीवुड सिनेमा की दुनिया में हर प्रकार की फिल्में बनती हैं, जिनमें कॉमेडी, ड्रामा और रोमांस शामिल हैं. लेकिन कुछ फिल्में ऐसी होती हैं जो समाज के छुपे हुए पहलुओं को उजागर करने का साहस दिखाती हैं. इन फिल्मों में ऑडियंस को वो सच्चाई देखने को मिलती है, जो अक्सर उनकी आंखों से ओझल रखती है. इसी दिशा में डायरेक्टर सनोज मिश्रा ने अपनी नई फिल्म 'द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल' के जरीए नया कदम उठाया है.
फिल्म 'द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल'
सनोज मिश्रा, जिन्होंने पहले भी 'गांधीगिरी' और 'श्रीनगर' जैसी महत्वपूर्ण फिल्में बनाई हैं, ने अब एक नई चुनौती को स्वीकार किया है. उनकी नई फिल्म 'द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल' बंगाल के समाज की जटिलताओं और वहां की सामाजिक हिंसा पर प्रकाश डालती है. यह फिल्म उस बंगाल की कहानी को सामने लाती है जहां प्यार और हिंसा दोनों का समावेश है, और दर्शाती है कि लोग इन समस्याओं से कैसे निपटने की कोशिश कर रहे हैं.
समाज में जागरूकता फैलाने के लिए बनाई फिल्म
फिल्म की कहानी उन सेंसिटिव मुद्दों पर आधारित है जो अक्सर मेन स्ट्रीम की फिल्मों से छिपे रहते हैं. 'द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल' का उद्देश्य न केवल ऑडियंस को एक नई दृष्टि देना है, बल्कि समाज में जागरूकता फैलाना भी है. यह फिल्म बताती है कि कैसे हिंसा के बावजूद लोग प्रेम और शांति की खोज में लगे हैं और कैसे वे इन समस्याओं से उबरने के प्रयास कर रहे हैं.
मेकिंग के दौरान कई चुनौतियों का सामना किया
सनोज मिश्रा ने फिल्म की मेकिंग के दौरान कई चुनौतियों का सामना किया. उन्होंने जागरण डॉट कॉम से विशेष बातचीत के दौरान साझा किया कि फिल्म के निर्माण में आई समस्याओं और कंगना रनौत के सहयोग के बारे में भी बात की. कंगना ने फिल्म के प्रचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और इसने फिल्म की सफलता को और भी बढ़ाया.
फिल्म में जटिल मुद्दों को छुआ गया
डायरेक्टर सनोज मिश्रा ने हाल ही में एक इंटरव्यू में अपनी फिल्म 'द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल' की निर्माण प्रक्रिया के दौरान आई कठिनाइयों के बारे में बताया. कोलकाता के विभिन्न लोकेशन्स पर शूट की गई इस फिल्म में जटिल मुद्दों को छुआ गया है, जिसमें रोहिंग्या मुसलमानों और बांग्लादेशियों की वजह से उत्पन्न समस्याओं को उजागर किया गया है. शूटिंग के दौरान जंगलों में काम करना और फिल्म के रिलीज से पहले धमकी भरे कॉल्स का सामना करना एक बड़ा चुनौती था.
एकमात्र कंगना रनौत ने ही मदद की
फिल्म के विवादित होने पर कंगना रनौत ही एकमात्र बॉलीवुड स्टार थीं जिन्होंने खुलकर समर्थन किया. सनोज मिश्रा ने कहा कि जब उन्हें धमकियाँ मिलीं और वे कोलकाता में सुरक्षित नहीं महसूस कर रहे थे, तो कंगना ने सोशल मीडिया और व्यक्तिगत रूप से उनकी मदद की. कंगना के समर्थन ने उन्हें इस कठिन समय में सहारा दिया.
रवि किशन कठिन समय में साथ नहीं दिया
मिश्रा ने रवि किशन और अन्य करीबी सहयोगियों के बारे में भी बताया, जिन्होंने उनके कठिन समय में आवश्यक समर्थन नहीं दिया. इस प्रकार, 'द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल' के निर्माण की कहानी न केवल फिल्म के विषय की जटिलता को दर्शाती है, बल्कि सहयोग और समर्थन की वास्तविकता को भी उजागर करती है.