‘जिहाल-ए-मिस्कीं मकुन बरंजिश', लता मंगेशकर के इस गाने का मतलब है बेहद गहरा, एक-एक बोल हैं खास
Zihaale - E- Miskin Song Meaning: लता मंगेशकर का गाना ‘जिहाल-ए-मिस्कीं’ तो आपने सुना ही होगा, जिसे लोग आज भी गुनगुनाते हैं. लेकिन क्या आपको इस गाने का अर्थ पता है. तो चलिए जानते हैं-
Zihaale - E- Miskin Song Meaning: हिंदी फिल्म सिनेमा ने कई यादगार गाने दिए हैं, जिन्हें लोग आज भी सुन ले तो मंत्रमुग्ध हो जाते हैं. इन्हीं गानों को अपनी आवाज देने वाली गायकी लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) के तो लोग दीवाने थे. लता मंगेशकर ने आज फिर जीने की तमन्ना है, लुका छुपी, दिल तो पागल है, जनम-जनम का साथ है जैसे सुपरहिट गाने गाए हैं. इनमें से ही उनका एक गाना ‘जिहाल-ए-मिस्कीं’ भी आपने जरूर सुना ही होगा. इस गाने को लता जी ने शब्बीर कुमार के साथ मिलकर गाया था, जिसे लोग आज भी गुनगुनाते हैं. लेकिन क्या आपको इस गाने का अर्थ पता है. तो चलिए जानते हैं-
अमीर खुसरो की कविता से प्रेरित
‘जिहाल-ए-मिस्कीं’ (Zihaale - E- Miskin ) का संबंध महान कवि अमीर खुसरो की एक खूबसूरत कविता से है. इसे असल में बृजभाषा और फारसी को मिलाकर लिखा गया था. जिसकी पंक्तियां थी- 'ज़िहाल-ए मिस्कीं मकुन तगाफ़ुल,दुराये नैना बनाये बतियां.... कि ताब-ए-हिजरां नदारम ऐ जान....न लेहो काहे लगाये छतियां.’ इसका हिंदी में अर्थ है- 'बातें बनाकर, आंखें चुराकर मेरी बेबसी को अनदेखा न कर. जुदाई की तपन से मेरी जान निकल रही है. मुझे अपने सीने से क्यों नहीं लगा लेते.’ ये पंक्तियां इतनी ज्यादा खूबसूरत थी कि गुलजार ने इससे प्रेरित होकर ‘जिहाल-ए-मिस्कीं’ लिखा, जिसे गुलामी फिल्म में लिया गया.
क्या है गुलामी फिल्म का गाना
गुलजार ने अमीर खुसरो की कविता से प्रेरित होकर गुलामी फिल्म के लिए गाना लिखा, जिसकी पंक्तियां है- 'जिहाल-ए-मिस्कीं मकुन बरंजिश... बेहाल-ए-हिजरा बेचारा दिल है... सुनाई देती है जिसकी धड़कन... तुम्हारा दिल या हमारा दिल है’ इस गाने की पंक्तियां जितनी खूबसूरत है, उससे कई ज्यादा खूबसूरत इसका मतलब है, जो सीधे लोगों के दिलों को छूता है. इसका अर्थ है- 'मेरे दिल की फिक्र करो, इससे खफा न हो. बेचारे दिल ने जुदाई की तकलीफ सही है.’ बता दें, इस फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती, धर्मेंद्र, नसीरुद्दीन शाह, अनीता राज, रीना रॉय और स्मिता राज ने काम किया था.