हाल ही में मनोज बाजपेयी को उनके शानदार अभिनय के लिए ‘70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार’ में स्पेशल मेंशन से सम्मानित किया गया. इस सम्मान की वजह उनकी फिल्म ‘गुलमोहर’ में अरुण बत्रा के किरदार को निभाने की उनकी कमाल की अदाकारी थी. इस मौके पर, मनोज ने अपनी हालिया बातचीत में अपने किरदार की चुनौतियों और जीवन में एंजाइटी जैसी समस्याओं के बारे में खुलकर बात की.
मनोज बाजपेयी ने अपने इंटरव्यू में बताया कि एंजाइटी (Manoj Bajpayee anxiety) उनके जीवन का एक हिस्सा है, और वह इसे किस तरह से मैनेज करते हैं. उन्होंने कहा, “मैं कभी-कभी एंजाइटी की स्थिति का सामना करता हूं. यह मेरे जीवन का हिस्सा है और मैं पूरी तरह से अलग तरह का व्यक्ति हूं.” हालांकि, मनोज ने एंजाइटी के साथ अपने संघर्ष को एक पॉजिटिव तरीके से संभालने के बारे में बताया.
अभिनेता ने खुलासा किया कि जब वह निराश या हताश महसूस करते हैं, तो वह आक्रामक तरीके से वापसी की कोशिश करते हैं. उन्होंने कहा, मैं ऐसा व्यक्ति नहीं हूं जो कमरे में बैठकर चिंता महसूस करे और कुछ न करे. जब मैं उदास महसूस करता हूं, तो मैं बहुत मेहनत करने लगता हूं और खुद को सबसे अच्छा बनाने के लिए प्रेरित करता हूं. मैं इससे एक भूखे बाघ की तरह लड़ता हूं.”
मनोज ने अपनी एंजाइटी को पॉजिटिव दिशा में मोड़ने के लिए अपनी मेहनत करने के बारे में बात की. उन्होंने बताया कि यह चुनौती उनके लिए एक प्रेरणा बन जाती है, और वह अपने काम के प्रति और भी डेडिकेटेड हो जाते हैं. उनका यह कहना है कि न केवल उनकी समस्याओं को संभालने में मदद करता है, बल्कि उनकी पेशेवर सफलता में भी योगदान देता है.
फिल्म ‘गुलमोहर’ का निर्देशन राहुल वी. चिट्टेला ने किया है और इसका निर्माण स्टार स्टूडियोज, ऑटोनॉमस वर्क्स, और चॉकबोर्ड एंटरटेनमेंट द्वारा किया गया है. मनोज बाजपेयी की यह फिल्म और उनके द्वारा निभाए गए किरदार ने दर्शकों और समीक्षकों को प्रभावित किया है, और उनकी हालिया जीत उनके अद्वितीय अभिनय कौशल और दृढ़ता का प्रमाण है.