हमेशा से महिला प्रधान और लीक से हटकर फिल्में बनाने के लिए फेमस डायरेक्टर मधुर भंडारकर की फिल्म 'इंदु सरकार' लंबे समय तक विवादों में रहने के बाद आखिरकार आज 28 जुलाई को रिलीज हो गई है।
इंदिरा गांधी सरकार के दौरान 1975 से 1977 तक लगने वाले आपातकाल की पृष्ठभूमि पर बनाई गई इस फिल्म को सेंसर बोर्ड से सुप्रीम कोर्ट तक का सफर तय करना पड़ा।
पेज 3, फैशन, चांदनी बार, ट्रैफिक सिग्नल, हिरोइन और कैलेंडर गर्ल्स जैसी फिल्म बनाने के बाद मधुर इस बार कहीं ना कहीं सच्ची घटना पर आधारित पृष्ठभूमि को तलाशते हुए नजर आए। इसके कारण उन्हें काफी समय तक सेंसर बोर्ड के कटघरे में खड़े होकर फिल्म को हरी मिलने तक इंतजार करना पड़ा।
फिल्म के ट्रेलर में दिखाया गया है कि इसमें कीर्ति कुल्हारी ने इंदु का किरदार निभाया है। फिल्म में वह हकलाती हुई नजर आ रही हैं और आपातकाल लगने के बाद उन्हें सिस्टम के खिलाफ लड़ते हुए दिखाया गया है। वहीं नील नीतिन मुकेश संजय गांधी, सुप्रिया विनोद पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के किरदार में हैं।
आइए आपको बताते हैं किस मीडिया हाउस ने फिल्म को कितने स्टार दिए हैं।
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आज तक
आज तक ने 'इंदु सरकार' को 5 में से 4 स्टार दिए हैं। उन्होंने फिल्म की कहानी, स्क्रीनप्ले, संवाद, सिनेमैटोग्राफी के साथ बैकड्रॉप इमरजेंसी को शानदार बताते हुए 'इंदु सरकार' को नसबंदी और मीडियाबंदी के साथ बाकी कई तरह के मुद्दों पर प्रकाश डालने की कोशिश करने वाला बताया है।
नवभारत टाईम्स
नवभारत टाईम्स ने 'इंदु सरकार' को 5 में से 3 स्टार दिये हैं। उनके अनुसार, भंडारकर ने कई सारे चोचले छोड़े हैं और अपनी बात स्क्रीन पर बखूबी रखी है। लेकिन 'पेज 3' का जादू वह एक बार फिर से रीक्रिएट करने में नाकामयाब रहे हैं।
दैनिक भास्कर
दैनिक भास्कर ने 'इंदु सरकार' के डायरेक्शन को बेहद उम्दा कहते हुए इसकी सिनेमैटोग्राफी, कैमरा वर्क और बैकग्राउंड को कमाल का बताया है। इसके साथ ही फिल्म के शानदार डायलॉग्स को इसकी जान बताया है। फिल्म में कीर्ति कुल्हाड़ी जिन्हें पहले 'पिंक' में देखा गया है, उनका काम जबर्दस्त बताया है। दैनिक भास्कर ने 'इंदु सरकार' को 5 में से 3.5 स्टार दिये हैं।
दैनिक जागरण
दैनिक जागरण ने मधुर भंडारकर की 'इंदु सरकार' को एक सशक्त फिल्म बताया है, जिसके लिए वो जाने जाते हैं। इसमें उन्होंने विस्तृत रिसर्च के साथ सत्य-घटनाओं को कहानी मतें पिरोया है। इसके लिए उन्होंने फिल्म को 5 में से 3.5 स्टार दिए हैं।
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फिल्म में गांधी परिवार का जिक्र होने के कारण सेंसर बोर्ड ने इस पर 12 कट लगाने इसके अलावा आरएसएस और अकाली जैसे शब्दों को हटाने की हिदायत दी थी। अगर आपको मधुर भंडारकर की फिल्में पसंद हैं और इमरजेंसी के दौरान क्या हुआ था? यह जानना चाहते हैं, तो यह फिल्म आप मिस नहीं करें।
Source : News Nation Bureau