चेतन भगत की नॉवेल पर आधारित हाफ गर्लफ्रेंड पहले दिन दर्शकों को लुभाने में नाकामयाब रही। फिल्म में श्रद्धा कपूर ने रिया सोमानी का किरदार निभाया है वही अर्जुन कपूर बिहारी अंदाज में नजर आये।
यह फिल्म कुछ ही देर तक मनोरंजन करती है लेकिन उसके बाद ये बोरिंग लगने लगती है। भाषा, परिवेश और माहौल में ‘हाफ गर्लफ्रेंड’ में कसर रह जाती है और उसके कारण फिल्म की एंडिंग कमजोर है।
कहानी कुछ यूं है कि बिहार के सिमराव के राज परिवार से जुड़े हुए माधव झा (अर्जुन कपूर) स्पोर्ट्स कोटे से दिल्ली के फेमस सेंट स्टीफेंस कॉलेज में पढ़ने आता है मगर उसकी अंग्रेजी पर अच्छी पकड़ नहीं है।
यहीं उसकी मुलाकात दिल्ली की हाईफाई लड़की रिया सोमानी (श्रद्धा कपूर) से होती है। बास्केटबॉल कोर्ट से होती हुई बात आगे बढ़ती है मगर सिर्फ माधव की तरफ से।
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दोस्त के समझाने के बावजूद भी वे ‘क्लास डिफरेंस’ को नहीं समझता। रिया भी अलग है उसके सपने भी अलग हैं। उसे सिंगर बनने न्यूयॉर्क जाना है।
इंटरवल के बाद फिल्म लंबी और बोरिंग लगने लगती है। हाफ गर्लफ्रेंड की कहानी और स्क्रिप्ट की कमजोरी की वजह से निर्देशक मोहित सूरी इस फिल्म में 'आशिकी2' और 'एक विलेन' जैसी पकड़ नजर नहीं बना पाए है।
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Source : News Nation Bureau