6 अक्टूबर 1963 को बिहार के दरभंगा में जन्मे संजय मिश्रा ने अपने 61वें जन्मदिन पर फैन्स और बॉलीवुड सितारों से ढेर सारी बधाइयां पाए हैं. उनके पिता एक सरकारी अधिकारी थे, लेकिन संजय का मन हमेशा कला की ओर लगा रहा. उनकी पढ़ाई में दिलचस्पी कम थी, लेकिन कला के प्रति उनका जुनून अविश्वसनीय था.
नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा
संजय मिश्रा ने अपनी एक्टिंग की पढ़ाई नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) से की. यहां उन्होंने तिग्मांशू धूलिया जैसे को-एक्टर्स के साथ अपनी कला को निखारा. NSD से स्नातक होने के बाद, संजय ने फिल्म उद्योग में अपने करियर की शुरुआत करने का फैसला लिया और मुंबई की ओर बढ़े.
चाणक्य से लेकर बॉलीवुड तक
साल 1990 में संजय मिश्रा ने "चाणक्य" नाम टेलीविजन सीरियल में अभिनय करके अपने करियर की शुरुआत की. इस शो ने उन्हें एक पहचान दिलाई और उन्हें विभिन्न प्रकार के किरदार निभाने का अवसर दिया. उनका अभिनय कौशल उन्हें विभिन्न शैलियों की फिल्मों में काम करने की अनुमति देता था.
कॉमेडी और गंभीर किरदारों में महारत
संजय मिश्रा ने 200 से अधिक फिल्मों में काम किया है, जहां उन्होंने कॉमेडी और गंभीर किरदार दोनों में जान फूंकी. उनके अभिनय की विविधता और गहराई ने उन्हें ऑडियंस के दिलों में एक विशेष जगह दिलाया. "दिलीप" से लेकर "फुकरे" तक, हर किरदार में उन्होंने अपनी छाप छोड़ी है.
बनारस की गलियों से बॉलीवुड तक
बनारस की गलियों में बीते बचपन की यादें आज भी संजय के दिल में बसी हुई हैं. वह कभी इन गलियों में धूल फांकते थे, और आज वह बॉलीवुड के एक जाने-माने सितारे बन चुके हैं. संजय ने एक इंटरव्यू में कहा था कि बनारस ने उन्हें कला की ओर प्रेरित किया और यहीं से उनके सपनों की शुरुआत हुई.
फर्श से अर्श तक का सफर
संजय मिश्रा ने अपने नॉन-फिल्मी बैकग्राउंड से आते हुए भी मेहनत और समर्पण के साथ अपने सपनों को साकार किया. उनके छोटे कद, साधारण चेहरे और सांवले रंग ने कभी भी उनके टैलेंट को छुपाने का काम नहीं किया. उनकी मेहनत ने उन्हें एक खास मुकाम दिलाया है, और आज वह किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं.
फैन्स और फैंस की बधाई
जन्मदिन के खास मौके पर संजय मिश्रा को उनके फैन्स, मित्र और बॉलीवुड के साथी सितारे बधाई दे रहे हैं. उनके प्रभावशाली अभिनय ने कई लोगों के दिलों में जगह बनाया है, और उनकी कला का जादू आज भी ऑडियंस को इम्प्रेस करता है.