बॉलीवुड की दिग्गज कोरियोग्राफर सरोज खान की 22 नवंबर को बर्थ एनिवर्सरी है. उन्होंने इंडस्ट्री में मुकाम पाने के लिए काफी ज्यादा मेहनत की थी. उन्हें डांस में रुचि थी तो एक्टिंग छोड़ कोरियोग्राफी करने लग गईं और एक वक्त ऐसा आया जब वह हिंदी सिनेमा की सबसे बड़ी कोरियोग्राफर बन गईं. 90 के दशक और उसके बाद हर बड़ी फिल्म में उन्होंने एक्टर्स को डांस सिखाया. सरोज खान ने तीन बार नेशनल अवॉर्ड जीता था. उन्होंने 14 साल की उम्र में अपना पहला गाना कोरियोग्राफ किया था.
मां को लगा मंदबुद्धि हूं
सरोज खान को बचपन से ही डांस का बहुत शौक था. उन्होंने एक पुराने इंटरव्यू में बताया था कि उन्हें डांस करता देख उनकी मां उन्हें डॉक्टर के पास ले गई थी. उन्होंने कहा था- मैं रूढ़िवादी सोच वाले परिवार से आती थी. मैं अपनी परछाई को देखकर डांस करती थी. मेरी मां को लगा कि मैं मंदबुद्धि हूं. वो मुझे डॉक्टर के पास ले गई.
10 साल की उम्र में शुरु किया डांस
इसके बाद उन्होंने बताया- फिर डॉक्टर ने मेरी मां से कहा कि ये सिर्फ डांस करना चाहती है तो इसे डांस करने दीजिए. डॉक्टर ने मुझे फिल्म इंडस्ट्री में काम करने की सलाह दी. क्योंकि मेरी फैमिली को पैसों की जरुरत थी. उन्होंने बताया कि वो 5 भाई-बहने थे. उन्होंने 10 साल की उम्र से डांस शुरू किया था. इसके बाद उन्होंने 14 साल की उम्र से कोरियोग्राफी शुरू की. उन्होंने माधुरी-श्रीदेवी जैसी एक्ट्रेसेस को डांस करवाया है.
14 साल की उम्र में हुआ पहला बच्चा
उनकी लव लाइफ की बात करें तो उन्होंने 13 साल की उम्र में अपने डांस मास्टर बी सोहनलाल से शादी की थी. वो सरोज से 30 साल बड़े थे. उस वक्त बी सोहनलाल शादीशुदा थे और 4 बच्चों के पिता थे. वहीं सरोज ने 14 साल की उम्र में पहले बच्चे को जन्म दे दिया था. सरोज ने बताया था कि जब उन्होंने पहले बच्चे को जन्म दिया था तब उन्हें सोहनलाल की पहली शादी का पता चला था.
फिल्मों के लिए बदला नाम
उन्होंने कहा था, 'मेरा मूल नाम निर्मला था. मेरे पिता ने जब मुझे फिल्मों में भेजा तो उन्होंने मेरा नाम बदलकर सरोज रख दिया. जिससे परिवार के अन्य सदस्यों को उनके फिल्मों में काम करने के बारे में पता ना चले. उन दिनों फिल्मों में काम करना बहुत सम्मानजनक नहीं माना जाता था.'
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