बिहार की कोकिला शारदा सिन्हा ने दिल्ली के एम्स अस्पताल में 72 साल की उम्र में आखिरी सांस ली है. अपनी सुरीली आवाज से लोगों के दिल में जगह बनाने वाली शारदा सिन्हा अब अपनी छाप छोड़कर चली गई है. हर साल बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में छठ के मौके पर उनकी आवाज गूंजती थी जो कि अब हमेशा के लिए बंद हो गई है. शारदा को सोमवार की शाम गंभीर स्थिति में वेंटिलेटर पर रखा गया था. इसकी जानकारी उनके बेटे अंशुमन सिन्हा ने सोशल मीडिया पर दी थी.
बेटे ने की पोस्ट
2018 में उन्हें मल्टिपल मायलोमा होने की खबर सामने आई थी. जो कि काफी खतरनाक किस्म का ब्लड कैंसर है. तभी से उनका इलाज चल रहा थी. वहीं उन्हें 26 अक्टूबर को दिल्ली एम्स में भर्ती करवाया गया था. जहां उन्होंने आखिरी सांस ली है. सिंगर के इंस्टाग्राम अकाउंट पर फोटो पोस्ट करते हुए अंशुमन ने लिखा, ''अंशुमन सिन्हा द्वारा किया गया पोस्ट. आप सब की प्रार्थना और प्यार हमेशा मां के साथ रहेंगे. मां को छठी मईया ने अपने पास बुला लिया है. मां अब शारीरिक रूप में हम सब के बीच नहीं रहीं.'
इतने करोड़ की है संपत्ति
जहां तक उनकी संपत्ति की बात करें, तो शारदा सिन्हा की कुल संपत्ति का कोई आधिकारिक आंकड़ा तो नहीं है, लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक उनकी संपत्ति का अनुमान 20 से 50 लाख डॉलर यानी करीब 16 से 42 करोड़ रुपये के बीच लगाया गया है. शारदा के परिवार में उनके दो बच्चे हैं- बेटा अंशुमान सिन्हा और बेटी वंदना.
इन गानों में दी अपनी आवाज
उन्होंने ना सिर्फ छठ के गीतों में अपनी आवाज दी है. बल्कि बॉलीवुड में भी उन्होंने अपनी आवाज दी है. फिल्म ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ का गीत ‘तार बिजली से पतले हमारे पिया’ और ‘मैंने प्यार किया’ का ‘कहे तोसे सजना’ आज भी फैंस के बीच बेहद पसंदीदा है.
इतने गीत गा चुकी है
अपने पूरे करियर में उन्होंने कुल 9 एल्बम में 62 छठ गीत गाए थे. उनके गीतों के बिना लोगों को छठ का त्यौहार अधूरा लगता है. शारदा का निधन छठ से ठीक पहले हुआ है. उनका निधन भोजपुरी लोक संगीत के लिए बेहद दुखनीय है.
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