फिल्मों और वेब सीरीज में इंटीमेट सीन आज के समय में एक महत्वपूर्ण पॉइन्ट बन गए हैं. ऑडियंस की मांग के अनुसार, इन सीन का होना अब लगभग अनिवार्य समझा जाता है. हालांकि, इंटीमेट सीन की शूटिंग आसान नहीं होती और इसे लेकर मेकर्स को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. इन इंटीमेट सीन को रियलिस्टिक दिखाने की होड़ में, डायरेक्टर्स और एक्टर्स के लिए यह चुनौतीपूर्ण हो गया है. इस कठिनाई को पार करने के लिए, आजकल फिल्म इंडस्ट्री में एक नई भूमिका को निभाया जा रहा है.
इंटीमेट सीन की वर्कशॉप
इंटीमेट सीन की शूटिंग से पहले, एक्टर्स को एक विशेष वर्कशॉप में भेजा जाता है. इस वर्कशॉप का मुख्य उद्देश्य एक्टर्स को उनके इमोशन्स को कंट्रोल करने में मदद करना है. यहां पर उन्हें सिखाया जाता है कि कैसे वे अपने भावनात्मक और शारीरिक रिस्पॉन्स को मैनेज कर सकते हैं ताकि सीन रियल और प्रभावशाली लगे, बिना किसी असहजता के.
इंटीमेसी को-ऑर्डिनेटर का रोल
इंटीमेसी को-ऑर्डिनेटर एक्टर्स के साथ बातचीत करते हैं ताकि उनकी सीमाओं और इच्छाओं को समझा जा सके. इसके बाद, वे इंटीमेट सीन को इस तरह से डिजाइन करते हैं कि एक्टर्स को असहज महसूस न हो. को-ऑर्डिनेटर यह सुनिश्चित करते हैं कि शूटिंग के दौरान एक्टर्स अपने कम्फर्ट लेवल के अनुसार काम करें और उन्हें कोई दबाव न महसूस हो.
सुरक्षा और सेट पर मौजूदगी
इंटीमेट सीन की शूटिंग के दौरान, एक्टर्स को इंटीमेसी किट पहनने की सलाह दी जाती है, जो उन्हें शारीरिक सुरक्षा प्रदान करती है. इसके अलावा, ऐसे सीन आमतौर पर 4-5 लोगों की मौजूदगी में शूट किए जाते हैं, जिसमें आर्टिस्ट, डायरेक्टर, कैमरामैन, और इंटीमेसी को-ऑर्डिनेटर शामिल होते हैं.