'ससुराल सिमर का' फेम दीपिका कक्कड़ (Dipika Kakar) आज एक जाना-माना चेहरा है, फिलहाल एक्ट्रेस अपनी लाइफ के सबसे बेस्ट फेस में हैं और प्रेग्नेंसी फेस को बखूबी एन्जॉय कर रही हैं. लेकिन एक समय ऐसा था जब उन्हें आर्थिक समस्याओं से जूझना पड़ा था. उनके लिए ये जर्नी आसान नहीं थी, दीपिका का बचपन काफी चुनौतियों और मुश्किल भरा रहा है. हाल ही में टीवी एक्ट्रेस (Tv Actress) ने अपने पुराने दिनों को याद किया है और फाइनेंशियल लॉस को लेकर बात की है. उन्होंने बताया कि वह मुंबई के सबसे खराब पीजी में रही हैं और जब वह पहली बार शहर में आईं तो दुपट्टे को पर्दे की तरह इस्तेमाल करती थीं.
दीपिका (Dipika Kakar) ने बताया, वह पहली बार एयर होस्टेस की नौकरी के लिए मुंबई आई थी और उनके पास बस "एक छोटा सूटकेस और एक एयरबैग" था. उन्होंने कहा कि वह सबसे खराब पीजी में रहती थी. "मुंबई में चार-पांच लड़कियां पीजी के रूप में छोटे घरों में एक साथ रहती हैं और आपके पास तब कोई ऑप्शन नहीं होता क्योंकि आप अपना खुद का घर खरीदने के लिए अच्छी कमाई नहीं कर रहे हैं. लोग 12-15 हजार रुपये कमाते हैं और इसे मैनेज करना मुश्किल है. खाना, किराया, ट्रेवल, ट्रेनिंग, मेकअप, सब कुछ खर्च. मुझे आज भी वे दिन याद हैं, जब मैं अपनी नजर ऑटो रिक्शा के मीटर पर रखती थी और मुझे पता चल जाता था कि कितना पैसा लगेगा. तो जिस पल मीटर वह पैसा दिखाता था, जितना मेरे पास है तो मैं ऑटो वाले को वहीं रुकने के लिए कहती थी. बाकी पैदल जाती थी.''
मां के साथ लिया पीजी में कमरा
दीपिका ने आगे बताया वो बाद में उन्होंने अपनी मां को भी पीजी में बुला लिया था और दोनों साथ रहने लगे थे, उन्होंने कहा, "हमारे पास पर्दे, चादरें या गद्दा नहीं था. मुझे याद है कि यह एक आवश्यकता थी, हमने ₹300-400 में एक गद्दा खरीदा. वहां से अगले 15-20 दिनों तक मुझे सैलरी का इंतजार करना पड़ता था. हम बिना फ्रिज, गैस स्टोव, के रहते थे. हम दुपट्टे को पर्दे के रूप में लटकाते थे क्योंकि हम दोनों महिलाएं थीं और हमारे पास पर्दे खरीदने के लिए पैसे नहीं थे.
दीपिका के वर्कफ्रंट की अगर बात करें तो उन्होंने 'नीर भरे तेरे नैना' से 2010 में डेब्यू किया. फिलहाल वो अपनी लाइफ में बहुत खुश हैं और पति शोएब इब्राहिम के साथ स्पेशल बॉन्ड शेयर करती हैं.
Source : News Nation Bureau