यहां से निकली शर्माइन के सोफे की असली कहानी, पढ़ें पूरी खबर
एड में यह दिखाने की कोशिश की गई है कि कैसे एक सोफा 60 साल की अवधि में कई पीढ़ियों का गवाह बना. हालांकि बहुत कम लोग जानते हैं कि इस एड के पीछे सोफे की असली कहानी क्या है.
फेविकॉल का शर्माइन का सोफा वाला एड आजकल खूब चर्चाओं में है. इसके दृश्य जितने प्रभावित करते हैं, उतने ही इसके बोल. दर्शकों को यह खूब भा रहा है. मीडिया में भी इसकी बहुत चर्चा हो रही है. एड में सोफे की कहानी दिखाई गई है. फेविकॉल के 60 साल पूरा होने के उपलक्ष्य में यह एड बनाया गया है. हालांकि सोशल मीडिया में यह भी सवाल उठाया गया है कि यह एड जातिवादी है, क्योंकि इसमें केवल शर्माइन, मिश्राइन जैसे शब्दों का इस्तेमाल क्यों किया गया है.
एड में यह दिखाने की कोशिश की गई है कि कैसे एक सोफा 60 साल की अवधि में कई पीढ़ियों का गवाह बना. हालांकि बहुत कम लोग जानते हैं कि इस एड के पीछे सोफे की असली कहानी क्या है. अब इससे पर्दा उठा है.
एड बनाने वाले प्रसून पांडे ने इकोनॉमिक टाइम्स को पूरी कहानी साझा की है. प्रसून का कहना है कि तकरीबन एक साल पहले Pidilite के चेयरमैन मधुरकर पारीख और Pidilite के एमडी के बीच एक 1 मिनट की मीटिंग हुई थी. उसके बाद प्लान किया गया था कि अब फेविकोल के नए एड की जरूरत है. ये पहली मीटिंग थी. दूसरी मीटिंग 7 महीने बाद हुई. मीटिंग आधे घंटे तक चली. मीटिंग के पहले 10 मिनट में ही एड के आइडिया को काफी पसंद और अप्रूव किया गया."
फेविकोल के मन को छू जाने वाले विज्ञापनों के पीछे ब्रांडिंग कंपनी ओगिल्वी एंड मैथर (Ogilvy & Mather) के एड गुरु पीयूष पांडे का हाथ है. फेविकोल के नए एड में दिखाया गया है कि कैसे एक सोफे ने अपने जीवनकाल के दौरान शर्माइन से लेकर मिश्राइन और उसके बेटे और बेटी और फिर बंगालन के घर तक का सफर तय किया लेकिन टूटा नहीं क्योंकि इसमें फेविकोल लगा था.
यहां पढ़िए Fevicol के मजेदार एड के मजेदार Lyrics..
"शर्मा की दुल्हिन जो ब्याह के आईं संग टू सीटर सोफा ले आईं.
पड़ गओ नाम शर्माइन का सोफा, हाए रे शर्माइन का सोफा
शर्माइन बहिन का ब्याह कराइन, सोफा पे नवा कपड़ा चढ़ाइन
बन गओ वो मिश्राइन का सोफा, हाए रे मिश्राइन का सोफा
मिश्राइन का लड़का कलेक्टर बनेलु, सोफा पे रग्जीन कपड़ा चढ़ेलु
बन गओ वो कलेक्ट्राइन का सोफा, हाए रे कलेक्ट्राइन का सोफा
कलेक्टर की बिटिया लव मैरिज करेली, सोफा पे बंगाली किर्मिक चढ़ेली
बन गओ वो बंगालन का सोफा, हाए रे बंगालन का सोफा
बड़ा घरन का प्यार निपटाओ, सोफा 60 का होने को आओ
देखी गंगा पार की शादी, देखी देश के बाहर की शादी
अब जो ये ब्याह कराए या ना कराए. पर सोफा बनाए तो दिल से बनाए."