Arun Govil : अभिनेता अरुण गोविल (Arun Govil) को किसी परिचय की जरूरत नहीं. आज इनका जन्मदिन है. अरुण गोविल आज अपना 64वां जन्मदिन मना रहे हैं. सब जानते हैं कि पिछले 1 साल से कोरोना काल में जहां सब कुछ बंद हो गया था. बॉलीवुड पर ताला सा लग गया था. वहीं रामायण( Ramayan) टीवी पर शुरू किया गया था. अभिनेता टीवी के प्रसिद्ध धारावाहिक ‘रामायण’ (Ramayan) में भगवान राम का किरदार निभाने के बाद लोग इन्हे इसी रूप में जानने और पूजने लगे. भगवान राम (Lord Ram) के साथ उनकी पहचान ऐसी जुड़ी कि लोगों ने उनको भगवान राम ही मान लिया था. घरों में उनकी तस्वीरें दिखाई देती थी. जब भी किसी अवार्ड फंक्शन या कहीं बाहर जाते लोग उन्हें भगवान राम की तरह सम्मान देते और पूजते हैं.
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हालांकि, रामायण से पहले अरुण गोविल ने कुछ फिल्मों में भी काम किया है. लेकिन उन्हें टीवी के प्रसिद्ध धार्मिक धारावाहिक रामायण ने पहतान दिलाई. तो चलिए आज जानते हैं अरुण गोविल के बारें में कुछ ख़ास बातें.
-अरुण गोविल का जन्म 12 जनवरी 1958 को हुआ था. उसके बाद उन्होंने फिल्में भी कीं मगर 1987-88 के दौर में भगवान राम के रूप में उनके किरदार ने जैसे लोगों के दिलों पर राज करना शुरू कर दिया था. साल 2020 में जब लॉकडाउन लगा तो सरकार ने फिर से रामायण का प्रसारण शुरु किया और तभी से लेकर आज तक लोगों को भी अरुण गोविल के दमदार किरदार के बारें में पता चला. आज की जनरेशन भी अरुण गोविल को बहुत पसंद करती हैं.
-लेकिन, क्या आप जानते हैं अरुण गोविल ‘रामायण’ के ‘राम’ कैसे बने. दरअसल, अरुण गोविल को रामायण का राम बनाने में मदद ताराचंद बड़जात्या और सूरज बड़जात्या ने की. रामानंद सागर( Ramanand Sagar) ने अरुण गोविल को राम का किरदार देने से इनकार कर दिया था. इसके बाद सूरज बड़जात्या की बदौलत अभिनेता को यह रोल दिया गया. जानकारों के मुताबिक एक इंटरव्यू में अरुण गोविल ने यह बात साझा की थी.
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने बताया कि, भगवान राम के किरदार के लिए ऑडिशन देने के बाद पहले तो उन्हें रिजेक्शन मिला. लेकिन, बाद में सूरज बड़जात्या ने उन्हें राम के किरदार के लिए लुक टेस्ट के दौरान अपनी स्माइल का इस्तेमाल करने की सलाह दी. अभिनेता ने भी सूरज बड़जात्या की बात पर अमल किया. दरअसल, बड़जात्या परिवार राजश्री प्रोडक्शन्स के मालिक थे और अरुण गोविल ने उनकी कई फिल्मों में काम किया था. ताराचंद, सूरज बड़जात्या के दादा थे.
अरुण गोविल ने अपनी हसी की बात करते हुए कहा था कि उनकी हसी को कॉम्पलिमेंट दिया गया था कि उनकी हसी एक दम भगवन जैसी सौम्य है. और यही किरदार भगवान राम के रूप में एक दम फिट बैठ गया था. इसके बाद से राम अका( Aka) अरुण गोविल ने लोगों के दिलों पर राज करना शुरू किया था. इसमें कोई शक नहीं है कि आज भी लोग रामायण को उतना प्यार दे रहे हैं जितना उस समय के दशक में दिया करते थे. जब-जब रामायण आता था तब-तब लोग टीवी के सामने अगरबत्ती जला कर बैठ जाया करते थे.
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Source : News Nation Bureau