रामानंद सागर( Ramanand Sagar) द्वारा निर्मित धार्मिक सीरियल ‘रामायण’( Ramayan) सबसे ज्यादा लोकप्रिय शो है. पिछले साल से जब सरकार ने लॉकडाऊन लगाया तभी से हर चैनल पर रामायण शुरू किया गया. लोग इस सीरियल को जीतना उस दशक में प्यार दे रहे थे आज भी उतना ही प्यार दे रहे हैं. यहीं नहीं पिछले साल इसकी टीआरपी के बारें में बात करें तो इस सीरियल ने बाकी सभी सीरियल को पीछे छोड़ दिया था. 1987 में प्रसारित होने वाले इस शो के 10 करोड़ दर्शक थे. वाल्मीकि रामायण और तुलसीदास के रामचरितमानस( Ramcharitmanas) पर आधारित इस शो के प्रसारित होने का इंतजार आज भी हर घर में होता है. अरुण गोविल( Arun Govil) से लेकर दीपिका चिकालिया तक सबने इतना बेहतरीन किरदार निभाया की सब उन्हें उस दौर से लेकर आज तक भगवान समझने लगे थे.
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12 जनवरी, 1958 में जन्मे अरुण गोविल ने इस धारावाहिक शो में भगवान राम का किरदार निभाया है. आज भी लोग उन्हें उसी किरदार से जानते हैं. लोग उन्हें आज भी भगवान राम की तरह पूजते हैं. तो चलिए आज बताते हैं कुछ ऐसे किस्से जो अरुण गोविल के साथ घटे.
जानकारों के मुताबिक एक बार अरुण गोविल ने कहा था की जब भी काेई उन्हें देखता था, तुरंत जाकर उनके चरण छूने लगता था. यही नहीं लोग इस धारावाहिक के शुरू होने से पहले टीवी के सामने बैठने से पहले चप्पल उतार कर अगरबत्ती जला कर बैठते थे. एक कारण यह भी था कि अरुण गोविल ने अपने किरदार को कितनी ईमानदारी और बेहतरीन तरीके से निभाया था कि लोग उनमें ही अपने भगवान राम को देखने लगे थे. कुछ महीनो पहले रामायण की स्टारकास्ट 'द कपिल शर्मा शो'( The Kapil sharma show) में पहुंची थी. जिसमें अरुण ने रामायण की शूटिंग के समय का एक किस्सा साझा किया था. जिसको सुनकर सभी हैरान रह गए थे.
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अरुण गोविल बताते हैं कि- मैं उस समय बहुत सिगरेट पीता था. जैसे ही शूटिंग से ब्रेक मिलता मैं सेट के पर्दे के पीछे जाकर सिगरेट पीने लग जाता था. उन्हें एक तरह से लत ही थी की जब भी उन्हें ब्रेक मिलता था वो कैमरे के पीछे जाकर सिगग्रेट पीने लग जाते थे. इसी में उन्होंने आगे कहा एक बार जब लंच ब्रेक में मैं पर्दे के पीछे सिगरेट पीने गया, तो एक अनजान व्यक्ति मेरे पास आया और अपनी भाषा में मुझे कुछ कहने लगा. मुझ उसकी भाषा तो समझ नहीं आई, हालांकि यह समझ आ रहा था कि वह किसी बात से मुझसे गुस्सा बहुत सुनाया.
रिपोर्ट्स के मुताबिक अरुण आगे कहते हैं, उसकी बात समझने के लिए मैंने सेट पर मौजूद एक शख्स को बुलाया और उससे पूछा कि यह व्यक्ति क्या कह रहा है. तब उसने मुझे बताया कि वह शख्स यह कह रहा है कि हम आपको भगवान राम समझते हैं और आप यहां सिगरेट पी रहे हैं. आपसे ये उम्मीद नहीं थी. हम आपको पूजते हैं भगवान मानते हैं और आप यहां ये कर रहे हैं. उसकी यह बात मुझे दिल पर लगी और तब से लेकर आज तक मैंने कभी सिगरेट को हाथ तक नहीं लगाया.
अरुण गोविल के वर्कफ्रोंट की बात करें तो उन्होंने बड़े पर्दे पर फिल्म ‘पहेली’ से डेब्यू किया था. उनके अभिनय की वजह से उन्हें ‘सावन को आने दो’, ‘अय्याश’, ‘भूमि’, ‘दो आंखें बारह हाथ’ और 'लव कुश' जैसी फिल्मों में काम करना का मौका मिला. हालांकि वो पहले भगवान राम के रोले के लिए रिजेक्ट हो चुके थे. लेकिन बाद में उनको उनकी हसी के वजह से यह रोले मिला. क्योंकि उनकी हसी के लिए उन्हें कॉम्पलिमेंट दिया गया था की उनकी हसी भगवान की तरह सौम्य है. और उनको कहा था कि वो इस रोल में अपनी हसी का इस्तेमाल करें. इन सब के बाद तब जाकर अरुण गोविल को भगवान राम का किरदार दिया गया. एक साल तक चलने वाले इस सीरियल के बाद अरुण ने भगवान बुद्ध, शिव, राजा हरीशचंद्र जैसे किरदार निभाए थे. इसके अलावा उन्हें कई क्षेत्रिय फिल्मों में भी देखा गाया था. आज भी लोग अरुण गोविल को उतना ही चाहते हैं जीतना उस दौर में लोगों ने उन्हें प्यार दिया था.
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Source : Nandini Shukla