तारक मेहता का उल्टा चश्मा (Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah) एक ऐसा शो है जो अपनी कहानी के जरिये लोगों के दिलों में और अपने किरदारों के जरिये लोगों की जुबां पर बना रहता है. इस शो में हर किरदार अपनी अपनी जगह पूरी तरह फिट हो चुका है. इस शो को 13 साल हो चुके हैं और 2008 से लेकर अब तक ये शो टीआरपी में भी नंबर 1 है. इस शो के बारे में लोग खूब दिलचस्पी लेकर पढ़ते हैं, खासतौर से इसके किरदारों के बारे में. ऐसे में आज हम आपको गोकुलधाम सोसायटी के एकमेव सेक्रेटरी आत्माराम भिड़े (Atmaram Bhide) उर्फ मंदार चंदवादकर (Mandar Chandwadkar) के बारे बताने जा रहे हैं.
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मंदार चंदवादकर काफी पढ़े लिखे हैं और वो पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर थे. उनकी दुबई में मल्टीनेशनल कंपनी में बेहतरीन नौकरी भी थी लेकिन उनका शौक हमेशा से ही एक्टिंग में रहा. भले ही उन्होंने पढ़ाई की और इंजीनियर बन गए लेकिन वो हमेशा से ही एक्टिंग में जाना चाहते थे. जब नौकरी करने दुबई गए तो उन्हें इस बात का ज्यादा अनुभव हुआ कि उन्हें जीवन में एक्टिंग ही करनी चाहिए और वो अच्छी खासी नौकरी को छोड़ भारत आ गए. ये साल 2000 की बात थी.
भारत लौटने के बाद मंदार चंदवादकर ने पहले थियेटर ज्वॉइन किया और वो प्ले करने लगे. उन्होंने शुरुआत में मराठी सीरियल किए और धीरे-धीरे एक्टिंग में हाथ साफ होता चला गया. साल 2008 में उन्हें मौका मिला तारक मेहता का उल्टा चश्मा से जुड़ने का और ये मौका उन्होंने हाथ से जाने नहीं दिया. उन्होंने अपना किरदार सुना और शो के लिए हां कर दी.
खास बात ये है कि उन्हें ये किरदार शो में उनकी पत्नी माधवी का रोल निभाने वालीं सोनालिका जोशी की वजह से ही मिला था क्योंकि दोनों पहले भी साथ में काम कर चुके थे. लिहाजा सोनालिका जोशी ने ही उनकी पैरवी इस शो के लिए की. इस किरदार को निभाते हुए उन्हें 13 साल बीत चुके हैं और आज लोग उन्हें मंदार के नाम से कम बल्कि भिड़े के नाम से ज्यादा जानते हैं.