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जेठालाल और दया...तारक मेहता ने दिए ऐसे किरदार, जो ताउम्र रहेंगे याद

28 जुलाई 2008 को शुरू हुआ सीरियल 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' आज भी लोगों के दिलों पर राज कर रहा है।

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Sonam Kanojia
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जेठालाल और दया...तारक मेहता ने दिए ऐसे किरदार, जो ताउम्र रहेंगे याद

फाइल फोटो

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अगर हंसी, खुशी और मुस्कुराहट छिन जाए तो सोचिए ये जिंदगी कैसी होगी? यह बोझ सी लगने लगेगी और जीवन नीरस हो जाएगा। इसीलिए हम इन चीजों को पाने लिए बहाने ढूंढते रहते हैं। कभी चुटकुलों के जरिए तो कभी किसी दोस्त का मजाकिया अंदाज हमें हंसाता रहता है। लेकिन हमारी लाइफ में हंसी का तड़का लगाने का काम एक सीरियल ने भी किया, जिसका नाम है 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा।'

जी हां...इस सीरियल की जान हैं जेठालाल गड़ा और उनकी पत्नी दया का किरदार। कहा जाता है कि टीवी सीरियल 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' दुनिया के सबसे लंबे टीवी शो में से एक है। यह सीरियल भी करीब 9 सालों तक देखा गया, लेकिन 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' ने पॉपुलैरिटी के मामले में सबको पीछे छोड़ दिया।

28 जुलाई 2008 को शुरू हुआ सीरियल 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' आज भी लोगों के दिलों पर राज कर रहा है। अगर इस शो के बारे में कुछ कह सकते हैं तो वह सिर्फ ये कि 2113 एपिसोड... 9 साल से भी ज्यादा समय फिर भी टीआरपी की रैंकिंग में सबसे आगे और दुनियाभर में करोड़ों फैंस। बच्चों से लेकर बुर्जुग तक सभी इस शो के मुरीद हैं।

वैसे तो टीवी पर कई शो आए और चले गए, लेकिन यह अभी भी सबसे ज्यादा देखा जाने वाला टीवी सीरियल है। इस शो का निर्माण नीला असित मोदी और असित कुमार मोदी ने किया है। अब आपको बताते हैं कि इस शो में आखिर ऐसा क्या खास है, जो लोग इसके दीवाने हैं।

'दुनिया ने ऊन्धा चश्मा' पर आधारित है टीवी शो

इस सीरियल की कहानी गुजरात के मशहूर हास्य लेखक तारक मेहता के कॉलम 'दुनिया ने ऊन्धा चश्मा' पर आधारित है। तारक मेहता गुजराती साप्ताहिक अखबार 'चित्रलेखा' के लिए लिखते थे। दुख की बात यह है कि तारक मेहता आज हमारे बीच नहीं रहे। 1 मार्च 2017 को 87 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। लेकिन इस शो के जरिए उन्होंने हमें कुछ ऐसे पात्र दिए हैं, जो हमारे जहन में ताउम्र जीवित रहेंगे।

...तो टीवी पर ऐसे शुरू हुआ सीरियल

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तारक मेहता का उल्टा चश्मा के टीवी पर आने की कहानी भी काफी दिलचस्प है। दरअसल असित कुमार मोदी को एक दिन पता चला कि गुजाराती साप्ताहिक में तारक मेहता एक कॉलम लिखते हैं, जो लोग काफी दिलचस्पी के साथ पढ़ते हैं। ऐसे में उन्होंने काफी जुगाड़ लगाकर तारक मेहता का नंबर पता किया और उन्हें फोन करके कहा कि वो उनकी कहानियों पर एक कॉमेडी सीरियल बनाना चाहते हैं। पहले तो तारक मेहता को लगा कि कोई मजाक कर रहा है। लेकिन, जब असित खुद उनके घर पहुंचे और पूरी जानकारी दी तो उन्हें भरोसा हुआ।

ये किरदार ताउम्र रहेंगे याद

स्क्रिप्ट तैयार होने के बाद काफी मशक्कत कर 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' की शूटिंग शुरू हुई। इसके बाद आपके सामने आया गोकुलधाम सोसाइटी, जहां सभी जाति, धर्म और वर्ग के लोग रहते हैं। इस कॉमेडी सीरियल में जेठालाल गड़ा और उनकी पत्नी दया का मजाकिया अंदाज आपको हंसने पर मजबूर कर देगा। टप्पू की शैतानियां और बाबूजी की समझदारी आपका दिल चुरा लेगी। ऐसे ही पत्रकार पोपटलाल, अंजलि भाभी, अय्यर, अब्दुल और खुद तारक मेहता समेत तमाम किरदार आपको ताउम्र याद रहेंगे।

एक मिसाल पेश करता है सीरियल

अगर आप यह सीरियल देखते हैं तो आप खुद को इस गोकुलधाम सोसाइटी से जुड़ा पाएंगे। वाकई यह सीरियल हंसी, खुशी, मजाक और आपस में प्यार जताने की अद्भुत मिसाल पेश करता है। 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' सभी को खुद से जुड़ने पर मजबूर कर देता है, हमें बताता है कि जिंदगी में हंसी, खुशी और प्यार ना हो तो यह जीवन कितना नीरस हो जाएगा।

Source : Sonam Kanojia

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