वेब सीरीज (Web Series) के नाम पर हर किसी के मन में हिंसा, अपराध और सेक्स ये तीन ही शब्द आते हैं लेकिन इस परंपरा को अमेजन प्राइम (Amazon) की सीरीज 'बंदिश बैंडिट्स' (Bandish Bandits) ने तोड़ते हुए अपना नया रास्ता बनाया है. दो नए कलाकारों की इस सीरीज ने साबित किया है कि अगर कहानी और अभिनय अच्छा हो तो बिना गाली-गलौच, मारपीट के भी शो हिट हो सकता है. संस्कार, परंपरा, परिवार, प्यार और क्लासिकल संगीत से भरे इस शो को दर्शकों का खूब प्यार मिल रहा है.
आजकल हर किसी के जुबां पर 'बंदिश बैंडिट्स' के गानों का खुमार चढ़ा हुआ है. वहीं सोशल मीडिया पर इस वेब सीरीज की कहानी भी छाई हुई हैं. ऐसे में न्यूज नेशन ने 'बंदिश बैंडिट्स' के मुख्य किरदार ऋत्विक भौमिक उर्फ राधे से खास बातचीत की. तो आइए जानते हैं ऋत्विक की राधे राठौड़ बनने तक की कहानी.
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1. 'बंदिश बैंडिट्स' दर्शकों के लिए प्यार बन चुका है तो ऐसे में आपको इसमें सबसे खास क्या लगा?
ऋत्विक(राधे)- मैंने इसकी स्किप्ट पढ़ते ही सोचा की यार! इतनी प्यारी कहानी कोई कैसे लिख सकता है? तो मेरे लिए इस शो की हर एक चीज खास हैं क्योंकि 'बंदिश बैंडिट्स' ने मुझे बहुत कुछ सिखाया और खुद को साबित करने का मौका दिया है. वहीं इस शो ने मुझे क्लासिकल म्यूजिक को और बेहतर तरीके से समझने में मदद की. मैं इन सब के लिए अमेजन और अपने शो के डायरेक्टर को शुक्रिया कहूंगा की उन्होंने मुझ पर भरोसा जता कर मुझे ये बड़ा मौका दिया.
2. अमूमन हमने देखा है कि बंगालियों को शास्त्रीय संगीत से बेहद लगाव होता हैं तो आपने भी कभी इसे सीखा हैं?
ऋत्विक- हां मैं बंगाली परिवार से आता हूं लेकिन मेरे परिवार में संगीत से किसी का कोई लेना देना नहीं हैं. हालांकि मेरा पूरा परिवार संगीत को बहुत सराहता है लेकिन राधे के किरदार से इसका कोई लेना-देना नहीं है. 'बंदिश बैंडिट्स' में राधे जिस तरह के संगीत और घराने से जुड़ा हुआ हैं उसे मैंने पर्सनली कभी नहीं देखा और न ही फील किया है. राधे के किरदार को जीवंत बनाने के लिए मेरे डायरेक्टर, स्क्रिप्ट राइटर और इस शो के बहुत से लोगों का महत्वपूर्ण योगदान हैं.
3. क्या आपको लगता था कि गालियों और हिंसा से भरी वेब सीरीज के बीच बंदिश बैंडिट्स हिट होगी?
एक स्क्रिप्ट राइटर जो भी लिखता है वो समाज का आइना होता है चाहे वो अपराध हो या किसी तरह की हिंसा. ठीक ऐसे ही प्यार और परिवार के किस्से भी हमारे समाज का ही हिस्सा होता है तो इस बात का डर नहीं था कि 'बंदिश बैंडिट्स' चलेगी या नहीं क्योंकि राधे और तमन्ना की कहानी भी इसी देश का हिस्सा हैं. हमें डर तो सिर्फ इस बात का था कि कहीं हम क्लासिकल म्यूजिक के साथ किसी तरह की छेड़खानी और अन्याय न कर दें. हमारी बहुत बड़ी जिम्मेदारी थी कि बंदिश बैंडिट्स के जरिए हम लोगों तक सही मैसेज पहुंचा पाएं. आज अच्छा लगता है जब लोग कहते हैं कि हमें क्लासिकल म्यूजिक से प्यार हो गया हैं.
4. एक तरफ मंझे हुए कलाकार नसीरुद्दीन शाह और दूसरी तरफ डेब्यू कलाकार ऋत्विक... दोनों के बीच की बॉन्डिंग कैसी थी?
ऋत्विक- मैंने स्क्रिप्ट पढ़ते ही सबसे पहले जानना चाहा कि पंडित जी का किरदार कौन निभा रहा है? नसीर सर का नाम सुनकर ही मैं फ्रीज हो गया था. उनके नाम से बहुत डरा हुआ था, इसकी वजह ये थी मैं उन्हें अपना आइडियल मानता आया हूं तो बस ये लगता था कि मैं कोई गलती न कर बैठूं. लेकिन जब मैं पहली बार उनसे मिलने उनके घर गया तो उस दिन सारा डर नर्वसनेस निकल गया. वो उम्दा कलाकार के साथ ही इंसान बेहद ही अच्छे है, जो हर किसी से बहुत ही सहजता से मिलते हैं और सबको दिल खोलकर प्यार देतें हैं. नसीर सर और हम अब एक बहुत अच्छे दोस्त की तरह हैं.
5. Youtube शो और शॉर्ट मूवीज से लेकर बंदिश बैंडिट्स तक का सफर कैसा रहा?
ऋत्विक- मेरे एक्टिंग के 6 साल का सफर बेहद ही खूबसूरत रहा. मैंने 6 साल पहले एक एक्टिंग स्कूल से डिप्लोमा कोर्स किया था. उसके बाद 2 साल बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर काम किया. यूट्यूब वीडियो और शॉर्ट फिल्में की. लेकिन इन सालों में सबसे खूबसरत डेढ़ साल थे जब हम बंदिश बैंडिट्स के लिए शूट कर रहे थे. तो मैं कहूंगा कि ये शो मेरे लिए Starting Point है, 'जहां से मैनें अपना डेब्यू किया है क्योंकि इससे पहले तक मैंने जो भी काम किया वो एक तरह से मेरी ट्रेनिंग थी. मैं खुशनसीब था कि जब मेरे पास 'बंदिश बैंडिट्स' आई तब तक मेरे पास एक्टिंग का एक्सपीरियंस था. थियेटर हो या यूट्यूब वीडियो इन सब से मुझे बहुत हेल्प मिली खुद को निखारने में. अबतक का सफर बहुत ही अच्छा रहा.
6. दर्शकों के लिए कोई खास संदेश?
ऋत्विक- सभी दर्शकों का दिल से शुक्रिया अगर आप हमें स्वीकार नहीं करते तो नए लोगों को कोई प्लेटफॉर्म मौका नहीं देता क्योंकि इससे पहले न हम सोशल मीडिया पर इतने फेमस थे और न और कहीं से हमारा बैकग्राउंड मजबूत था . 'बंदिश बैंडिट्स' में हमने अपना 100 पर्सेंट दिया बाकि जनता पर छोड़ दिया था. तो अब जिस तरह इस शो को दर्शकों का प्यार मिल रहा हैं उससे साबित होता है कि एक दिन आपकी मेहनत जरूर रंग लाती हैं. मैं आखिरी सांस तक पूरी मेहनत से काम करूंगा. बाकि आप सब भी जीवन में कभी हार मत मानिए क्योंकि आखिर में जीत मेहनत की होती है.
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बता दें कि 'बंदिश बैंडिट्स' म्यूजिकल वेब सीरीज है और राजस्थान के जोधपुर पर आधारित है. इसमें दो युवा संगीतकारों राधे और तमन्ना की कहानी बताई गई है. इसमें जहां राधे (ऋत्विक) अपने दादाजी (नसीरुद्दीन शाह) के नक्शेकदम पर चलकर शास्त्रीय संगीत में आगे बढ़ना चाहता है.
वहीं तमन्ना (श्रेया) भारत की पहली अंतर्राष्ट्रीय पॉपस्टार बनना चाहती हैं.अमृतपाल सिंह बिंद्रा द्वारा निर्मित और रचित और आनंद तिवारी के निर्देशन में बनी 'बंदिश बैंडिट्स' में अतुल कुलकर्णी, कुणाल रॉय कपूर, शीबा चड्ढा और राजेश तैलंग जैसे उम्दा कलाकार भी दमदार भूमिका निभाते नजर आए है.
Source : News Nation Bureau