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Mirzapur 3 Review: पहले जैसा भौकाल मिसिंग, गुड्डू पंडित फिर छाए...कालीन भैया गायब; स्क्रीन टाइम ले गए शरद शुक्ला

गुड्डू पंडित और कालीन भैया का भौकाल पहले की तरह कायम है लेकिन इस बार मामला पहले दो सीजन के मुकाबले फीका लग रहा है. लेकिन अगर आप मिर्जापुर के फैन हैं तो कहानी आपको बांधे रखेंगी. 

Updated on: 05 Jul 2024, 07:02 AM

highlights

स्टारकास्ट- पंकज त्रिपाठी,  अली फजल,  श्वेता त्रिपाठी, अंजुम शर्मा, रसिका दुग्गल 

डायरेक्टर- गुरमीत सिंह और आनंद अय्यर

एपिसोड- 09

रेटिंग- 3.5/5

नई दिल्ली:

Mirzapur Season 3 Review: मिर्जापुर के तीसरे सीजन का फैंस बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. जब से सीरीज का ट्रेलर सामने आया था, उसने सोशल मीडिया पर भौकाल मचा दिया था. वहीं, अब मिर्जापुर का तीसरा सीजन ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम (Amazon Prime) पर स्ट्रीम हो चुका है.  मिर्जापुर शुरू भौकाल के साथ हुआ था और मजा आ रहा था. इस सीजन में भी गुड्डू पंडित  उर्फ अली फजल (Ali Fazal) और कालीन भैया उर्फ पंकज त्रिपाठी (Pankaj Tripathi) का भौकाल पहले की तरह कायम है लेकिन इस बार मामला पहले दो सीजन के मुकाबले फीका लग रहा है. लेकिन अगर आप मिर्जापुर के फैन हैं तो कहानी आपको बांधे रखेंगी. 

क्या है मिर्जापुर 3 कहानी? 

तीसरे सीजन की कहानी पिछले के अंत से ही होती है. मुन्ना भैया इस दुनिया से जा चुके हैं, कालीन भैया कोमा में हैं और गुड्डू भैया ने खुद को मिर्जापुर का बाहुबली घोषित कर दिया है. लेकिन पूर्वांचल का बाहुबली कौन होगा, इस पर लड़ाई जारी है. गुड्डू भैया के रास्ते में शरद शुक्ला और पश्चिम के कुछ बाहुबली हैं जो गद्दी में बैठने नहीं देना चाहते. वो राजनीति का अलग खेल खेलता है और प्रदेश की मुख्यमंत्री माधुरी यादव यानी (Isha Talwar) को अपना साझेदार बनाता है. वहीं, गोलू  यानी की श्वेता त्रिपाठी (Shweta Tripathi) छोटा पैकेट बड़ा धमाका जैसा रही हैं, अब वो  पहले से ज्यादा आक्रामक हो गई है. वो गुड्डू पंडित की राइट हैंड बनकर उसका साथ देती हैं.

 
 
 
 
 
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कालीन भैया कहां हैं ?

हालांकि इसी बीच अभी भी सबसे बड़ा सवाल यह है कि कालीन भैया कहां हैं. कालीन भैया (Pankaj Tripathi) सीरीज के मिड में मौत के मुंह से बाहर निकलकर सामने आते हैं. उनकी जान बचाने में शरद शुक्ला (Sharad Shukla) बड़ी भूमिका निभाते हैं. पंकज त्रिपाठी, जो इस सीरीज के जान थे, उनका रोल काफी कम कर दिया है, साथ ही उन्हें काफी कमजोर भी दिखाया गया है. इसलिए ये सीरीज पहले के मुकाबले फीकी रही है. अब कालीन भैया की कहानी में क्या भूमिका होगी, इसका किसी को कुछ अता-पता नहीं है, इसके लिए तो आपको सीरीज देखनी पड़ेगी. लेकिन ये तय है कि आने वाला सीजन कालीन भैया के इर्द-गिर्द ही घूमेगा.

स्टारकास्ट की एक्टिंग कैसी है?

गुड्डू पंडित के रोल में अली फजल एक बार फिर से खूब जंचे हैं. उनका अक्खड़ बाहुबलीपन फैंस को काफी पसंद आया. वहीं, गोलू यानी श्वेता त्रिपाठी  लेडी डॉन बन चुकी हैं और दुश्मनों पर रहम नहीं करती. कालीन भैया की पत्नी बीना त्रिपाठी के किरदार में रसिका दुग्गल (Rasika Dugal) का रोल भी इंपैक्टफुल है. छोटे त्यागी के रोल में विजय वर्मा (Vijay Verma) का रोल भी ठीक-ठाक है. हालांकि वो अपने साथ एक रहस्य लेकर चलता है. इस सीजन में शरद शुक्ला यानी अंजुम शर्मा (Anjum Sharma) का स्क्रीन टाइम ज्यादा है. एक तरह से उन्हें सेकेंड लीड कहा जा सकता है. 

कैसा है सीरीज का डायरेक्शन? 

गुरमीत सिंह और आनंद अय्यर ने शो को डायरेक्ट किया है और उनका डायरेक्शन ठीक है, उनसे बेहतर की उम्मीद थी. मिर्जापुर जैसी सीरीज में भौकाल बढ़ना चाहिए था, लेकिन पिछले दो सीजन के मुकाबले वो यहां कम हुआ और इसका वजह कहीं ना कहीं डायरेक्शन ही हैं. उन्हें कुछ और मसाले ऐसे डालने चाहिए थे कि दर्शक बंधे रहते.  कालीन भैया का रोल काफी ज्यादा कम कर दिया गया है, जो दर्शकों को शायद पसंद नहीं आया. सीरीज को थोड़ा ट्रिम किया जा सकता था. हालांकि क्लाइमैक्स जरूर बेहतर है, अंत का सीक्वेंस आपको थोड़ा चौंका सकता है. कुल मिलाकर शो देखा जा सकता है. हम इसे 5 में से 3.5 स्टार रेटिंग देंगे. 

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