फिल्म मेकर यश चोपड़ा, जिनका नाम भारतीय सिनेमा में रोमांस और प्यार की अनोखी कहानियों के साथ जुड़ा है, ने अपने 60 सालों के करियर में हमें राज-सिमरन और वीर-ज़ारा जैसी प्रेम कहानियां दीं. उनकी बर्थडे पर, हम एक खास पल को याद करते हैं, जो शाहरुख खान के साथ उनके आखिरी इंटरव्यू में कहा था.
शाहरुख के साथ उनकी आखिरी बातें
2012 में, अपने जन्मदिन पर एक लाइव टेलीविज़न बातचीत के दौरान, जब शाहरुख ने यश चोपड़ा से उनकी अगली फिल्म के बारे में पूछा, तो उनका जवाब एक सोच से भरा था. यश चोपड़ा ने बताया कि उन्होंने कभी भी अपने जीवन को प्लानिंग के साथ नहीं जीया. उन्होंने अपने दिल की आवाज़ पर चलते हुए जीवन को जीने का महत्व बताया.
यश चोपड़ा ने सुनी अपनी दिल की बात
इस दौरान, उन्होंने अपने दिल की एक इम्पॉटेंट बात शेयर की. "मेरे दिल ने कहा 'बहुत हो गया'. इस बयान में एक गहरी इमोशन थी, जिसने उनकी असाधारण जर्नी बाताया. यह साफ था कि यश चोपड़ा ने अपने दिल की सुनने के लिए हमेशा प्राथमिकता दी, और यही उनकी सच्ची पहचान थी.
1932 में लाहौर में यश चोपड़ा का जन्म
यश चोपड़ा का जन्म 1932 में लाहौर में हुआ था. विभाजन के बाद, वे मुंबई आए, केवल 200 रुपये और फिल्म मेकर बनने के सपने के साथ. शुरुआत में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद, उनका सिनेमा के प्रति जुनून उन्हें एक असिस्टेंट के रूप में फिल्म इंडस्ट्री में ले गया. उन्होंने पहले आई.एस. जौहर और फिर अपने भाई बी.आर. चोपड़ा के साथ काम किया.
विदेशी और शानदार सेटों की पहचान बनीं
चोपड़ा की फ़िल्में हमेशा विदेशी स्थानों और शानदार सेटों की पहचान बनीं. उनकी रोमांटिक कृतियों जैसे सिलसिला, चांदनी, और दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे ने उन्हें भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक स्थान दिलाया. यश चोपड़ा का करियर 50 से अधिक फिल्मों तक फैला हुआ था, और वे भारतीय सिनेमा के सबसे महान फिल्म मेकर्स में से एक माने जाते हैं.
80 साल की आयु में उनकी मौत
80 साल की आयु में उनका निधन हुआ, लेकिन उन्होंने एक ऐसी सिनेमाई विरासत छोड़ी है जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी. उनके शब्दों में एक सच्चाई है: "जब मेरा दिल कुछ कहता है, तो मुझे परवाह नहीं है कि लोग क्या कहते हैं." यही उनके जीवन और काम की सच्चाई है, जो हमें हमेशा याद रहेगी.