Zoya Akhtar on Censorship: फिल्ममेकर जोया अख्तर (Zoya Akhtar) ने बॉलीवुड को कई हिट फिल्में दी है, जिनमें 'जिंदगी ना मिलेगी दोबारा', 'गली बॉय' और 'दिल धड़कने दो' शामिल है. जोया ने आखिरी बार फिल्म आर्चीज (Archies) को डायरेक्ट किया, जो नेटफ्लिक्स पर रिलीज की गई थी. जोया अख्तर हमेशा से ही अपने बिंदास और बेबाक अंदाज के लिए जानी जाती हैं. अब हाल ही में मुंबई में एक इवेंट में जोया ने लव, लिटरेचर, सिनेमा पर अपनी राय रखी. इसके साथ उन्होंने सेंसरशिप को लेकर ऐसा बयान दिया, जिसकी चारों ओर चर्चा होने लगी है. चलिए जानते हैं...
सेंसरशिप को लेकर क्या बोलीं जोया?
जोया (Zoya Akhtar) अपने पिता जावेद अख्तर (Javed Akhtar) के साथ मुंबई में हुए इंडियन एक्सप्रेस के शो ‘एक्सप्रेसो’ के नए सेशन में शामिल हुई थी. इस दौराव उन्होंने ओटीटी प्लेटफॉर्म पर सेंसरशिप को लेकर बात की और लोगों से सवाल किया कि जब वो महिला का शोषण होते देख सकते हैं तो स्क्रीन पर किस क्यों नहीं बर्दाश्त कर पाते? जोया ने कहा- 'मुझे लगता है कि अगर किसी की सहमति है तो इसे जरूर दिखाना चाहिए. मैं ऐसे समय में बड़ी हुई, जब मैंने स्क्रीन पर महिलाओं को पिटते हुए, परेशान करते हुए और उनका यौन शोषण होते हुए देखा था. ये सब तो दिखाने की परमीशन थी, लेकिन आप एक Kiss नहीं देख सकते. लोगों को प्यार, फिजिकल इंटीमेसी भी स्क्रीन पर दिखाया जाना चाहिए.'
'हर फिल्म की अलग टोन होती है'
जोया ने आगे कहा- 'हर फिल्म की कहानी अलग होती है, उसका टोन अलग होता है. लेकिन 'शोले' की बात करें तो वहां पर हिंसा जो भी दिखाई गई वो समय से काफी आगे की थी. ये सब उस बारे में हैं कि आप दर्शकों को क्या दिखाना चााहते हैं. कल्चरल डिफरेंस की बात करें तो फ्रंच अमेरिकन से न्यूडिटी में काफी ज्यादा आगे है. बात बस कंफर्टेबल की है. आप सेक्स और बॉडी को किस तरह से देखते हो.' जोया के वर्कफ्रंट की बात करें तो उन्होंने आखिरी बार फिल्म 'द आर्चीज' जिसमें हाना खान, खुशी कपूर और आगस्त्य नंदा थे और 'खो गए हम कहां' जिसमें अनन्या पांड़े थी, इन फिल्मों को बनाया था. दोनों ही नेटफ्लिक्स पर रिलीज की गई थीं.
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