दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं. आम आदमी पार्टी एक बार फिर दिल्ली की गद्दी अपने नाम कर चुकी है और बीजेपी के दावे धरे के धरे रह गए. 11 फरवरी को मतगणना हुई. इसी के साथ पूरे दिन प्रतिक्रियाओं का दौर भी चलता रहा. वहीं सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो का सिलसिला भी लगातार जारी रहा. इन्हीं में से एक वीडियो ऐसा था जिसमें कुछ लोग सांप्रदायिक नारेबाजी करते हुए देखे जा सकते थे. इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया गया कि ये वीडियो दिल्ली चुनाव के दौरान का है.
लेखक तारिक फतेह ने भी वीडियो को ट्विटर पर शेयर किया है. उन्होंने इसे शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा, # DelhiPolls2020 में, मुस्लिम गुंडों ने इस्लामी वर्चस्व को बढ़ावा देने के लिए हिंदुओं के खिलाफ एक उत्तेजक नारा लगाया.
'हिन्दुस्तान मे रहना होगा, अल्लाह-ओ-अकबर कहना होगा'
खबर लिखे जाने तक इस वीडियो 3 हजार से ज्यादा बार रीट्वीट किया जा चुका है जबकि 4 हजार से ज्यादा लोग इसे लाइक कर चुके हैं.
हमने इस वीडियो की सच्चाई जानने के लिए इस वीडियो से जुड़ा कीवर्ड 'हिन्दुस्तान मे रहना होगा, अल्लाह-ओ-अकबर कहना होगा' गूगल पर सर्च किया तो हमारे सामने यूट्यूब का एक लिंक खुला जो इंडिया टीवी का था. इस लिंक में भी यही वीडियो थी जो सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही है, पर इसके साथ जो जानकारी दी गई वो किए जा रहे दावे से अलग थी. दरअसल ये वीडियो इस साल का नहीं बल्कि साल 2017 का था. इस वीडियो में बताया गया कि 12 दिसबंर 2017 को कुछ मुस्लिम समुहों ने रैली निकाली थी जिसमें इस तरह की नारेबाजी की गई. इस भीड़ में पीएम मोदी, बजरंग दल और शिवसेना के खिलाफ भी नारेबाजी की गई थी. इस वीडियो में ये भी बताया गया कि ये वीडियो उदयपुर के चेतक सर्किल का है.
ऐसे में ये साफ हो जाता है इस सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो तो सही है लेकिन इसके साथ जो दावा किया जा रहा है वो गलत है.