सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है. ये तस्वीर एक प्रोटस्ट की है जिसमें कुछ प्रदर्शनकारी और पुलिस नजर आ रही है. इस तस्वीर में एक महिला भी दिखाई दे रही है जिसके हाथों में RSS मुर्दाबाद का बोर्ड नजर आ रहा है. इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि ये फीस बढ़ोतरी को लेकर हुए जेएनयू छात्रों के विरोध प्रदर्शन की तस्वीर है. साथ ही सवाल उठाए जा रहे हैं कि इस प्रदर्शन में आरएसएस मुर्दाबाद के पोस्टर क्यों लहराए जा रहे हैं. एक सोशल मीडिया यूजर ने इस पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, 'ये प्रोटेस्ट तो फीस बढ़ोतरी के विरोध में था, तो फिर ये RSS की तख्ती क्यों....? कुछ समझे !'.
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क्या है इस तस्वीर की सच्चाई?
पिछले दिनों ऐसे कई मामले सामने आए थे जिसमें पुरानी तस्वीरों को जेएनयू प्रोटेस्ट से जोड़कर वायरल किया गया और बेफिजूल की अफवाह फैलाई गई. कहीं इस तस्वीर के साथ भी तो ऐसा कुछ नहीं हुआ था, ये जानने के लिए हमने इस तस्वीर की सच्चाई पता लगाई. हमने इस तस्वीर गूगल सर्च इमेज की मदद से ढूंढा तो हमें TFIPOST.COM नाम की वेबसाइट पर भी यही तस्वीर दिखी. लेकिन इस तस्वीर के साथ जो खबर छपी थी उससे ये साफ हो गया कि हमारा शक सही था और इस तस्वीर का फीस बढ़ोतरी को लेकर हुए जेएनयू प्रोटेस्ट से कोई लेना-देना नहीं था. दरअसल इस खबर के मुताबिक ये तस्वीर जेएनयू छात्रों के उस प्रदर्शन की है जो उन्होंने दिल्ली स्थित आरएसएस ऑफिस के बाहर किया था. हालांकि .ये प्रदर्शन फीस बढ़ोतरी को लेकर नहीं बल्कि हैदराबाद यूनिवर्सिटी के छात्र रोहित वेम्यूला को लेकर था जिसने जातिवाद से तंग आकर आत्महत्या कर ली थी.
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इसी के साथ ध्यान देने वाली बात ये भी है कि ये खबर आज से 3 साल पहले यानी 2016 में छपी थी यानी ये प्रदर्शन 2016 में हआ था जिसकी तस्वीर को अब फीस बढ़ोतरी से जोड़कर फैलाया जा रहा है. ऐसे में य तस्वीर तो सही है लेकिन इसके साथ जो दावा किया जा रहा है वो गलत है.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो