केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डरों पर किसानों के आंदोलन का आज 68वां दिन है. किसान संगठन नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं जबकि सरकार इनमें संशोधन करने के लिए तैयार है. 26 जनवरी को किसानों द्वारा निकाली गई ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में हिंसा हुई थी.
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ट्रैक्टर परेड में शामिल हुए आंदोलनकारी किसानों ने दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में जमकर उत्पात मचाया था और सरकारी संपत्ति और भारी नुकसान पहुंचाया था. गणतंत्र दिवस के मौके पर उग्र किसानों ने लाल किले पर भी कब्जा कर लिया था और पुलिस के साथ मारपीट भी की थी. किसानों के हिंसक प्रदर्शन के दौरान ही एक आंदोलनकारी नवरीत सिंह की मौत हो गई थी.
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कुछ पत्रकारों और मीडिया ने दावा किया था कि मारे गए किसान की मौत पुलिस की गोली लगने की वजह से हुई थी. पड़ताल में ये दावा झूठा पाया गया. नवरीत की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आया कि उसकी मौत सिर में लगी चोट के बाद हेमरेज की वजह से हुई थी. बता दें कि ट्रैक्टर परेड के दौरान नवरीत का ट्रैक्टर पलट गया था.
Source : News Nation Bureau