सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें कुछ मुस्लिम युवा नजर आ रहे हैं और उनके सामने हिंदू ग्रंथ रखे हुए हैं. इस तस्वीर को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि इस तरह के वेद-पुराणों में मुस्लिम लोगों द्वारा बदलाव किया जा रहा है.
एक यूजर ने इस तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा, देखो और ध्यान दो और क्या हो रहा है हमारे देश में. हमारे धर्म ग्रंथों में मिलावट करने का कार्य जोरों से चल रहा है. आने वाले 20 साल बाद हमारी अगली पीढ़ियां ये #मिलावटी वेद, पुराण, उपनिषद पढ़ेंगे.
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क्या है इस दावे का सच?
इस दावे का सच जानने के लिए हमने तस्वीर को रिवर्स सर्च इमेज किया तो पता चला कि इस तस्वीर के साथ किया जा रहा है दावा गलत है. ये तस्वीर हैदराबाद की है. दरअसल ढूंढने पर हमें The Hindu की खबर की एक लिंक मिली जिसमें इसी तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था. ये खबर 2 अप्रेल 2014 को छपी थी. इस खबर के मुताबिक तस्वीर में दिख रहे युवा इस्लामिक छात्र हैं जो इन वेदों का अध्यन कर ये समझने की कोशिश कर रहे हैं कि इस्लाम और हिंदू धर्म क्या सामान्य विशेषताएं हैं.
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खबर की मानें तो इस मदरसे में बैठकर ये छात्र अध्यन कर रहे हैं उसमें अन्य धर्मों की हजार से ज्यादा किताबे हैं. ऐसे में ये साफ है कि इस तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा गलत है और केवल भ्रम फैलाने के लिए इस तरह कि खबरें वायरल की जा रही हैं.