प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब से नए ससद भवन निर्माण के लिए भूमि पूजन किया हैं, तब से कई लोग उन पर फिजूल खर्जी का आरोप लगा रहे है. वहीं, इस बीच बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्विटर के माध्यम से अपनी ही सरकार पर निशाना साधता हैं. सोमवार को स्वामी ने नए संसद भवन के निर्माण को लेकर मोदी सरकार को घेरा. उन्होंने नए संसद भवन का निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा किया जाएगा. इस कंपनी के चयन को लेकर बीजेपी नेता ने सवाल खड़े किए हैं और इसकी तुलना 2जी घोटाले से की है.
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सुब्रमण्यम स्वामी के ट्वीट के बाद चलिए पता लगाते है कि आखिर स्वामी के आरोप में कितनी सच्चाई है. दरअसल, केंद्र सरकार के इस प्रोजेक्ट के लिए शुरुआत में सात कंपनियों ने ठेके को हासिल करने के लिए बोली लगाई थी. वहीं, आखिरी चरण में तीन कंपनियों को चुना गया. इन कंपनियों में एलएंडटी, टाटा प्रोजेक्ट़स और शापूरजी पालोनजी एंड कंपनी शामिल थीं. हालांकि सबसे कम बोली टाटा प्रोजेक्ट्स (861 करोड़ रुपये ) ने लगाई थी. कम बोली लगाने की वजह से यह ठेका टाटा प्रोजेक्ट्स को मिला है.
Does anyone know how Tatas were selected for building the new Parliament complex? Was it by bids or like in 2G Spectrum scandal on first come first served basis ?
— Subramanian Swamy (@Swamy39) December 14, 2020
बता दें कि अक्टूबर 2016 में टाटा संस के अध्यक्ष के रूप में साइरस मिस्त्री को बर्खास्त करने के बाद से टाटा और एसपी समूह के बीच चल तनातनी चल रही है. वहीं, मिस्त्री परिवार समूह ने केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि इस प्रक्रिया में दोनों टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड (TPL) और टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स की भागीदारी केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) के नियमों का उल्लंघन की है. इसके अलावा बोली के मानदंड को भी प्रभावित किया गया है, ताकि टीपीएल के लिए बोली प्रक्रिया में भाग लेना आसान हो सके यह दावा एसपी ग्रुप ने किया है. हालांकि, सूत्रों ने कहा कि सीपीडब्ल्यूडी द्वारा एक पत्र में एसपी समूह के आरोपों को खारिज कर दिया गया है.
Source : News Nation Bureau