एक जहां ट्विटर को छोड़ने का बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत, केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और रेल मंत्री पीयूष गोयल ने एलान कर दिया हैं. इस बीच सोशल मीडिया पर एक Koo ऐप ट्रेंड कर रहा है. लोग Koo ऐप के बारे में जानना चाह रहे हैं. सोशल मीडिया पर लोग इसे चीन का बता रहे हैं , कुछ लोग इस एप को अमेरिका का बता रहे हैं. कई लोग तो सवाल खड़े कर रहे पूछ रहे है कि क्या कोई Koo ऐप में चीन की भूमिका को स्पष्ट कर सकते हैं?. सुनैना (Sunaina Holey) ने पूछा की. को कोई पता सकता है कि इस एप में चीनी का क्या कनेक्शन है.
Koo एप के बारे में तमाम भ्रांतियों को दूर करने और इसका सच पता लगाने के लिए हमारी फैक्ट चेक की टीम ने इस पर काम करना शुरू किया. जब हमाने koo एप के बारे में जानकारियां एकत्र करनी शुरू की. तो हम कई प्लेटफॉर्म पर गए. जहां पर पता चला की यह एक भारती एप है. जिसका रजिस्ट्रेशन कर्नाटक में हुआ है. Bombinate Technologied Private Limited के नाम पर रजिट्रेशन हुआ है. यह कंपनी 2 दिसंबर 2015 को रजिट्रेशन हुआ है. इसकी आईडी है 884475.इस कांपनी की ऑफिस बेंगलुरू में है. हमने इस Koo एप के बारे में और अधिक जानकारी के लिए godaddy.com पर गए जहां से हमें जानकारी मिली की.
इस एप का Bombinate Technologied Private Limited डोमेन नाम (Domain name) के नाम पर दर्ज है. इस इंडियन माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट को अप्रमेय राधाकृष्ण और मयंक बिदावतका ने पिछले साल मार्च में डेवलप किया था. ट्विटर की ही तरह कू भी एक माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म है, जहां आप अलग-अलग मुद्दों पर अपने व्यूज और ओपिनियन दे सकते हैं.
Koo एप को लेकर सोशल मीडिया पर चल रही भ्रांतियों के बीच हमने पाया की यह पूरी तरह से स्वदेशी एप है. जिसका ऑफिस कर्नाटक के बेंगलुरू में है. बता दें कि भारत सरकार ने हाल ही में कई चीनी ऐप्स जैसे TikTok, PUBG Mobile और SheIn को बैन किया गया है.
इसने कई भारतीय ऐप डेवलपर्स को आगे आने और विदेशी ऐप्स के विकल्प बनाने के लिए प्रोत्साहित किया है. वहीं, कई अधिकारियों ने अपने-अपने सोशल अकाउंट Koo एप में खोल लिए हैं.
Source : News Nation Bureau