सोशल मीडिया में विचलित कर देने वाला एक वीडियो वायरल हो रहा है.इस वीडियो में सैकड़ों लोगों की भीड़ क एक युवक को पत्थरों से पीट रही है.दावा किया जा रहा है कि वायरल वीडियो अफ़गानिस्तान का है, जहां सज़ा के तौर पर इस युवक को पत्थरों से मारा गया.तालिबान ने क्रूरता की हदें पार करते हुए इसकी जान ले ली.दावा है कि ये युवक अमेरिकी सेना के लिए अनुवादक का काम करता था.वीडियो को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा "चेतावनी.ये बेहद खौफनाक है. जो कहते हैं कि तालिबान बदल गया है, अफगानिस्तान का ये डरावना वीडियो देखिए, जिसमें एक आदमी को पत्थर मारकर मौत की सजा दी जा रही है.ये वही हैं, बाइडेन प्रशासन जिनका तुष्टिकरण कर रहा है.
पड़ताल
तालिबानी हुकूमत ने शरिया कानून के मुताबिक सज़ा देने के लिए एक ख़ास मंत्रालय का गठन किया है .इस मंत्रालय का काम चोरी करने वालों के हाथ काटने और अवैध सबंध बनाने पर पत्थरबाजी की सजा मुकर्रर करना है.20 साल पहले के तालिबानी राज में सिर्फ महिलाओँ पर ही पत्थर बरसाए जाते थे, मगर इस बार तालिबान दोषी पाए गए पुरुषों को भी ऐसी ही सज़ा देने की बात कह रहा है.हालांकि वीडियो में युवक पर अमेरिकी सेना की मदद करने का आरोप है, ऐसे में इस युवक को पत्थर से पीटने की सज़ा क्यों दी जा रही है, इसी सवाल पर हमने अपनी पड़ताल का फोकस किया.पड़ताल के दौरान हमने कुछ की-वर्ड्स से इंटरनेट पर सर्च किया....तो हमें फारसी भाषा में लिखा एक फेसबुक पोस्ट मिला .जोकि 21 जून 2018 से सोशल साइट पर मौजूद है.इस फेसबुक पोस्ट के साथ वही वीडियो अपलोड किया गया जो सोशल मीडिया में अब वायलर है.
पड़ताल में जो वीडियो मिला उसकी पुष्टि गूगल रिवर्स इमेज टूल से भी हो गई.वीडियो की की-फ्रेमिंग करने पर हमें जो रिपोर्ट मिली उसके मुातबिक वायरल वीडियो अफगानिस्तान के दरजाब जिले का है, जहां एक 60 साल के शख्स को रेप आरोपी बताकर मार दिया गया हालांकि मारने तालिबानी नहीं बल्कि ISIS के आतंकी हैं...इस्लामिक स्टेट के आतंकियों ने हत्या के बाद शव को पास ही नदी में फेंक दिया दिया
इस तरह हमारी पड़ताल में साफ हो गया, पत्थर मारकर सज़ा देते तालिबान को लेकर जो दावा किया जा रहा है वो गलत है .वीडियो में दिख रहे आतंकी तालिबानी नहीं, बल्कि ISISके हैं. हालांकि जगह अफगानिस्तान की होने की वजह से भ्रम फैल गया.
Source : Vinod kumar