यूपी में बनारस स्थित ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) सर्वे के विवाद को लेकर इंटरनेट पर धर्मस्थलों से कई तस्वीरें सामने आ रही हैं. दो दृश्यों का एक कोलाज इस समय खूब वायरल हो रहा है. इसमें एक ओर भगवान शिव (Shvia) के वाहन नंदी की एक प्रतिमा है, वहीं दूसरी ओर ज्ञानवापी मस्जिद दिखाई जा रही है. तस्वीर को इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि नंदी की यह प्रतिमा उस काशी विश्वनाथ मंदिर का भाग है, जहां अब मस्जिद खड़ी है. फेसबुक और ट्विटर पर कई सारे यूजर्स से लोगों ने इस कोलाज को साझा किया. जिसमें लिखा था, "काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishvanath Mandir) के लिए नंदी का लंबा इंतजार." इस तस्वीर के साथ ये जानकारी दी गई कि नंदी का चेहरा हमेशा शिवलिंग की ओर होता है. ठीक उसी तरह नंदी की इस प्रतिमा का चेहरा उस ओर दिखाई दे रहा है, जहां अभी ज्ञानवापी मस्जिद है, तो यही मूल विश्वनाथ मंदिर है.
ऐसा कहा जा रहा है कि इस्लामिक-राज में उस मूल मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी, तब से मुसलमान मस्जिद में नमाज अदा करते हैं; जबकि सदियों से नंदी दरवाजे की तरफ देख रहे हैं, जो अपने मालिक के आने का इंतजार करते हैं हमारे भगवान वहां हैं, हमारी प्रतीक्षा कर रहे हैं."
The wait is finally over for the Nandi at Kashi Vishwanath temple. A historic day for all the TRUE Hindustanis!!! #HarHarMahadevॐ
— Vaidehi🇮🇳 (@hoot_watchful) May 16, 2022
🕉️🙏#GyanvapiTruthNow #BabaMilGaye #Gyanwapi #ज्ञानवापी_मंदिर pic.twitter.com/ZY6vuXyQ3a
इस तरह की तस्वीर लोगों को भरमा रही है. न तो काले नंदी वाराणसी की ज्ञानव्यापी मस्जिद के सामने बैठे हैं और न ही यह प्रतिमा उस जगह पर मौजूद है. रिपोर्ट के अनुसार, वायरल की गई पोस्ट में नंदी की मूर्ति वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर की नहीं, बल्कि यह महाराष्ट्र के काशी विश्वेश्वर मंदिर की है.
महाराष्ट्र के सतारा जिले के वाई के मंदिर की है
इस तस्वीर को इंटरनेट पर जब खोजा गया, तब इस पोस्ट की असलियत सामने आई. नंदी की प्रतिमा की रिवर्स इमेज सर्च की गई, इसमें पाया गया कि यह महाराष्ट्र के वाई में काशी विश्वेश्वर मंदिर की प्रतिमा थी. एक वेबसाइट के अनुसार, ये तस्वीर 28 मई, 2012 को ली गई थी. इसके कैप्शन में जगह की जानकारी दी थी. इस बैल (नंदी) की मूर्ति महाराष्ट्र के सतारा जिले के वाई में काशी विश्वेश्वर मंदिर की है. एक अन्य वेबसाइट के पास भी इस प्रतिमा की तस्वीर थी, जो 1 अगस्त 2011 को ली गई थी. इसमें बताया गया है कि यह तस्वीर महाराष्ट्र स्थित काशी विश्वेश्वर मंदिर की है. महाराष्ट्र के मंदिर में पाई गई प्रतिमा अठारहवीं शताब्दी की है. ऐसे में नंदी की प्रतिमा का जो दृश्य उत्तर प्रदेश की ज्ञानवापी मस्जिद विवाद से जोड़कर दिखाया जा रहा है, वह सही नहीं है.
HIGHLIGHTS
- फेसबुक और ट्विटर पर कई सारे यूजर्स से लोगों ने इस कोलाज को साझा किया
- पोस्ट में नंदी की मूर्ति वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर की नहीं