मदरसों में एक नया युग शुरू होने वाला है. शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (NIOS) मदरसों में नया पाठ्यक्रम शुरू करने जा रहा है. कक्षा 3, 5 और 8 के लिए बेसिक कोर्स की शुरुआत होगी. पाठ्यक्रम नई शिक्षा नीति का हिस्सा होगा. हालांकि इस बीच खबर यह आई कि मदरसों में बच्चों को गीता, रामायण और योग का पाठ भी पढ़ाया जाएगा. कहा जा रहा है कि एनआईओएस ने इनको पाठ्यक्रम में शामिल किया है. लेकिन मदरसों में बच्चों को गीता, रामायण पढ़ाए जाने की बात कितनी सच है, इस बारे में केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले प्रेस इनफॉर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) ने इसका फैक्ट चैक किया है.
यह भी पढ़ें: Fact Check: CBSE ने 10वीं कक्षा के सोशल साइंस सिलेबस में की कटौती, जानें क्या है सच
दरअसल, टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में कहा कि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग ने (NIOS) ने एक नया पाठ्यक्रम जारी किया है, जिसके तहत 100 मदरसों में गीता और रामायण पढ़ाई जाएगी. जिस पर पीआईबी फैक्ट चैक ने कहा कि इस समाचार में तथ्यों के साथ खिलवाड़ की गई है. पीआईबी ने कहा कि यह वास्तविकता से परे है और इसके पीछे दुर्भावनापूर्ण इरादा नजर आता है.
पीआईबी फैक्ट चैक के मुताबिक, एनआईओएस मदरसों को एसपीक्यूईएम (मदरसों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए विशेष प्रावधान) के तहत मान्यता देता है. इस प्रावधान के अंतर्गत छात्रों को औपचारिक शिक्षा प्रणाली के विपरीत निश्चित विषय संयोजन की बंदिशों के बिना विभिन्न विषयों की पेशकश की जाती है. एनआईओएस द्वारा उपलब्ध कराए गए विषयों में से विषय संयोजन का चयन करना छात्र के विवेक पर निर्भर है.
यह भी पढ़ें: Fact Check: कोरोना वायरस की वैक्सीन के लिए Co-VIN पर हो रहे हैं रजिस्ट्रेशन, जानें सच
पीआईबी ने यह भी बताया कि लगभग 100 मदरसों को एनआईओएस से मान्यता मिली हुई है, जिनमें 50,000 छात्र पढ़ते हैं. इसके अलावा, एनआईओएस की निकट भविष्य में लगभग 500 और मदरसों को मान्यता देने की योजना है. ऐसा पूरी तरह से मदरसों की मांग के आधार पर ही किया जाएगा.
Source : News Nation Bureau