सोशल मीडिया पर पुरानी पेंशन स्कीम और नेशनल पेंशन स्कीम को लेकर एक संदेश तेजी से वायरल हो रहा है. वायरल संदेश में ऐसा दावा किया गया है कि 29 मई 2022 को मोदी सरकार की कैबिनेट की बैठक हुई थी. ऐसा कहा गया है कि एनपीएस को वापस लिया जाएगा और केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकार के कर्मियों के लिए से पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जाएगा. इसे 2004 में खत्म करा गया था. वायरल मैसेज (Viral Message) की सच्चाई का पता लगाने के लिए पीआईबी फैक्ट चेक किया तो इस संदेश की सच्चाई पता चली.
PIB ने ट्वीट कर दी जानकारी
पीआईबी ने अपने ट्विटर हैंडल पर इस संदेश को जांचा है. पीआईबी के अनुसार, सोशल मीडिया पर जो वायरल मैसेज में ऐसा दावा किया जा रहा है कि 29 मई 2022 को हुई कैबिनेट मीटिंग भ्रामक और पूरी तरह निराधार है. पीआईबी के अनुसार फारवर्ड व्हाट्सऐप मैसेज पूरी तरह फेक है. सरकार के सामने ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं आया है.
क्या है वायरस मैसेज में
कर्मचारियों के हितों को रखते हुए सर्वसम्मति से ये निर्णय लिया गया. वायरल मैसेज के अनुसार वित्त मंत्री ने भरोसा दिया कि सभी कर्मचारियों जिनकी नियुक्ति 2004 या पुरानी पेंशन योजना के खत्म होने के बाद हुई थी. उन्हें पेंशन उपलब्ध कराने के लिए जरुरी धन मुहैया कराया जाएगा. संदेश के अनुसार, एनपीएस में कर्मचारियों से पैसे लेकर उन्हें ही रिटायरमेंट के बाद पेंशन के तौर पर वापस करना बहुत गलत है. वायरल संदेश में लिखा है कि सभी केंद्रीय और राज्य सरकार के तहत वाले विभागों से अनुरोध है कि राजकीय कोष पर पड़ने वाले अतिरिक्त भार की समीक्षा करने के बाद डीओपीटी और वित्त मंत्रालय को 25 अगस्त 2022 तक रिपोर्ट तैयार कर भेजें, जिससे 2023 से इसे लागू किया जा सके.
वायरस मैसेज है फर्जी
सोशल मीडिया पर पुरानी पेंशन योजना को दोबारा से शुरू किए जाने वाला मैसेज इसलिए भी फर्जी है, क्योंकि 29 मई 2022 रविवार था और उस दिन कोई कैबिनेट बैठक नहीं हुई थी.
Source : News Nation Bureau