सोशल मीडिया (social media) पर चौंकाने वाला एक वीडियो वायरल हो रहा है.. इस वीडियो में नमाज़ पढ़ रहे एक शख़्स को उठाकर गोली मारते हुए दिखाया गया है.. साथ ही दावा किया जा रहा है कि वायरल वीडियो अफ़गानिस्तान के जलालाबाद है. जहां तालिबानियों ने नमाज पढ़ते अफ़गानी नागरिक की हत्या कर दी. वीडियो अफ़गानिस्तान पर तालिबानी कब्जे के बाद का बताया जा रहा है.. वीडियो शेयर करते हुए सोहेल नाम के एक यूजर ने लिखा- "तालिबानियों के गोली मारने से पहले इस शख़्स ने आखिरी नमाज पढ़ी" इसके अलावा कई यूजर ने लिखा कि तालिबानियों ने नमाज तक नहीं पढ़ने दी..वायरल वीडियो को आधार बनाकर न्यूज नेशन टीम ने पड़ताल शुरू की.
The last prayer before the shooting by the Taliban. 😔🖤#NoToTaliban #SavePanjshir #DoNotRecognizeTaliban #StandwithPanjshir #StandwithPanjshirResistance #FreeAfghanistan #PanjshirResistance #AfghanistanCrisis #afghanistan #Panjshir pic.twitter.com/7ZSThhUxf4
— Sohail Masoud🇦🇫 (@Sohail_Masoud) September 18, 2021
पड़ताल
वायरल वीडियो पर शक इसलिए पैदा होता है क्योंकि अलकायदा के आतंकी भी सज़ा देने के लिए ऐसा ही तरीका अपनाते हैं. सच जानने के लिए हमने वीडियो को फ्रेम-टू-फ्रेम देखा तो वीडियो में कई क्लू मिले..क्लू नंबर 1: वीडियो के आख़िर में बुर्का पहने एक महिला भी दिखाई दे रही है.. सवाल ये कि जिस जगह किसी की हत्या की जा रही है, वहां एक महिला को क्यों लाया गया ? क्लू नंबर 2: खाली मैदान में कुछ ओर लोग भी इसी तरह नमाज़ पढ़ते दिख रहे हैं.. सवाल ये कि क्या इन लोगों की भी नमाज़ पढ़ने के बाद हत्या कर दी गई ? क्योंकि सामने की तरफ एक फ्रेम में नीचे बैठे शख़्स के पीछे बंदूकधारी भी दिखाई दे रहा है.. क्लू नंबर तीन: वीडियो में कहीं-कहीं पर अरबी सुनाई दे रही है.. सवाल ये कि ज़्यादातर पश्तो बोलने वाले तालिबानी अरबी में कैसे बात कर रहे हैं ?
सच आया सामने
ये पोस्ट 15 सितंबर 2019 को किया गया था, यानि वायरल वीडियो करीब 2 साल पहले से इंटरनेट पर मौजूद है. जिसके मुताबिक वीडियो आतंकियों के एक ओपन कोर्ट का है...जहां अपराधी साबित होने पर सज़ा-ए-मौत दी जा रही है. वीडियो में दिख रही महिला अपराध की शिकार भी हो सकती है और अपराधी की रिश्तेदार भी. वीडियो में दिखाई दे रहे लोग किस संगठन से जुड़े हैं इसकी पुष्टि भी हमारी पड़ताल में नहीं हो सकी है. लेकिन एक बाद तय है कि वीडियो अभी का नहीं बल्कि 2 साल या उससे भी ज़्यादा पुराना है. इस तरह पड़ताल में नमाज पढ़ते अफ़गानी को गोली मारने का दावा गलत साबित हुआ है. इसे नमाज पढ़ने के दौरान गोली नहीं मारी गई...बल्कि मरने से पहले आखिरी बार नमाज अदा करने का मौका दिया गया था..
HIGHLIGHTS
- क्या है नमाज पढ़ते अफ़गानी को गोली मारने का सच ?
- सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो
- पड़ताल में हुआ चौकाने वाला खुलासा
Source : Vinod kumar