सेना भर्ती की नई स्कीम 'अग्निपथ' का देशभर में विरोध जारी है. युवा सड़कों पर हैं. रेलवे को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है. हालांकि देश में जारी विरोध के बीच इस बात को साफ कर दिया गया है कि तीनों सेना में भर्ती के नए मॉडल 'अग्निपथ' को किसी भी कीमत में वापस नहीं लिया जाएगा. इस बीच एक खबर भ्रम फैला रही थी कि सेना के पुराने जवानों को अग्निवीर योजना में भेजा जाएगा. इस खबर को आइए जानने की कोशिश करते हैं. सैन्य कार्य विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसको पूरी तरह से फर्जी बताया है.
इस सूचना में दावा किया गया था कि सेना के पुराने जवानों को अग्निवीर योजना में भेजा जाएगा. लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने अपने बयान में कहा कि यह हमारे देश की सुरक्षा का मामला है. किसी ने अफवाह फैला दी कि सेना के पुराने जवानों को अग्निवीर योजना में भेजा जाएगा. यह एक फर्जी सूचना है. उन्होंने अपने बयान में आगे कहा कि भर्ती प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया गया है. सैन्य प्रक्रिया अपरिवर्तित रहेगी.
हम एक प्रतिबद्धता लेंगे और उम्मीदवारों को प्रतिज्ञा प्रस्तुत करनी होगी कि वे किसी भी आगजनी/ तोड़फोड़ में शामिल नहीं हुए. उन्होंने कहा कि दुनिया के किसी अन्य देश में भारत के समान जनसांख्यिकीय लाभांश नहीं है. हमारे 50 फीसदी युवा 25 वर्ष से कम आयुवर्ग के हैं. सेना को इसका ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाना चाहिए.
वहीं अगिनपथ योजना को लेकर उन्होंने कहा कि यह स्कीम तीन चीजों को संतुलित करती है, पहला सशस्त्र बलों के लिए युवा प्रोफाइल, तकनीकी जानकारी और सेना में शामिल होने के अनुकूल लोग और तीसरा व्यक्ति को भविष्य के लिए तैयार करना.
Source : News Nation Bureau