Smartphone and Laptop : आज के समय में लोग अपने परिवार के साथ उतना समय नहीं बिताते जितना अपने स्मार्टफोन के साथ बिताते हैं. अगर आप भी इसी कैटेगरी में आते हैं तो हम आपको इससे जुड़ी कुछ जानकारी देने जा रहे हैं जिसे जानने के बाद आप सोचने पर मजबूर हो जाएंगे. आइए जानते हैं इससे होने वाले नुकसान के बारे में.
लैपटॉप और स्मार्टफोन के ज्यादा यूज से होने वाले नुकसान
आंखों पर तनाव: लंबे समय तक स्क्रीन देखने से आंखों में थकान, सूखापन के साथ कई अलग-अलग समस्याएं हो सकती हैं, वहीं आपकी आंखों से कम दिखाई देना और सिरदर्द जैसी समस्याएं हो सकती है.
शारीरिक समस्याएं: गलत मुद्रा में बैठकर लैपटॉप यूज करने से गर्दन, पीठ और कंधों में दर्द हो सकता है. इसके अलावा, लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठे रहने से रीढ़ की हड्डी पर भी असर पड़ सकता है.
नींद में कमी: लैपटॉप और स्मार्टफोन से निकलने वाली नीली रोशनी (Blue Light) मेलाटोनिन को प्रभावित कर सकती है, जो आपकी नींद के चक्र को बाधित कर सकती है.
मानसिक समस्याएं: ज्यादा स्मार्टफोन और लैपटॉप के यूज से चिंता, अवसाद और तनाव जैसी मानसिक समस्याएं हो सकती हैं, खासकर अगर इसका उपयोग सामाजिक मीडिया और गेमिंग के लिए किया जा रहा हो.
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रेडिएशन का असर: स्मार्टफोन से निकलने वाले रेडिएशन का शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
वास्तविक दुनिया से दूर: स्मार्टफोन और लैपटॉप का ज्यादा यूज आपको वास्तविक दुनिया से दूर कर सकता है और सामाजिक संबंधों में कमी आ सकती है.
अगर आप भी इन समस्याओं से बचना चाहते हैं तो इन डिवाइस का सही यूज करें, जब आपको लगे की आपको इससे जरूरी काम करना है तो ही इसका यूज करें.
लैपटॉप और स्मार्टफोन से होने वाले नुकसान से बचने के लिए आप कुछ उपाय कर सकते हैं:
20-20-20 नियम अपनाएं: हर 20 मिनट के बाद, 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर किसी चीज को देखें. इससे आपकी आंखों को आराम मिलेगा और आंखों की थकान कम होगी.
ब्लू लाइट फिल्टर का यूज करें: अपने डिवाइस में ब्लू लाइट फिल्टर ऑन करें, खासकर रात के समय. इससे आपकी आंखों को आराम मिलेगा.
सही मुद्रा में बैठें: लैपटॉप का यूज करते समय अपनी पीठ सीधी रखें, और स्क्रीन को आंखों के लेवल पर रखें. कुर्सी और टेबल की ऊंचाई को सही रखें ताकि आपकी गर्दन और पीठ पर कम से कम तनाव पड़े.
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रेगुलर ब्रेक लें: लगातार लंबे समय तक काम न करें. हर 30-60 मिनट के बाद 5-10 मिनट का ब्रेक लें. इस समय में थोड़ा चलें, स्ट्रेच करें और आंखों को आराम दें.
डिवाइस की ब्राइटनेस को एडजस्ट करें: स्क्रीन की ब्राइटनेस को उस लेवल पर सेट करें जो आंखों के लिए आरामदायक हो. बहुत ज्यादा या बहुत कम ब्राइटनेस आंखों के लिए हानिकारक हो सकती है.
स्क्रीन टाइम कम करें: अपने लैपटॉप और स्मार्टफोन का यूज कम करें. सोने से कम से कम एक घंटा पहले इनका यूज बंद कर दें ताकि आपकी नींद पर असर न पड़े.
रेडिएशन से बचाव: स्मार्टफोन को जरूरत से ज्यादा समय तक शरीर के करीब न रखें, खासकर सोते समय. हेडफोन का यूज करें और कॉल करने के लिए स्पीकर मोड का यूज करें.