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iPhone और iPad यूजर्स के लिए सरकारी एजेंसी ने जारी की हाई रिस्क वॉर्निंग, इन डिवाइस को बताया खतरे की घंटी

Cyber fraud: केंद्र सरकार के अधीन काम करने वाली संस्था CERT-in ने Apple के कुछ प्रोडक्ट में तकनीकी खामियों के बारे में पता लगाया है. उनका कहना है की इन खामियों का फयदा साइबर अपराधी या हैकर्स यूजर्स की निजी जानकारी इकट्ठा करने के लिए उठा रहें है.

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Dheeraj Sharma
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risk warning for iPhone

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क्या है CERT-in की वॉर्निंग?

केंद्र सरकार के अधीन काम करने वाली संस्था ने Apple के कुछ प्रोडक्ट में तकनीकी खामियों के बारे में पता लगाया है. उनका कहना है की इन खामियों का फयदा साइबर अपराधी या हैकर्स यूजर्स की निजी जानकारी इकट्ठा करने के लिए कर रहें है. CERT-in की वॉर्निंग में बताया गया है कि iPhone, iPad और अन्य Apple प्रोडक्ट में मल्टीपल वल्नरेबिलिटी (खास तरह की कमजोरी) पाई गईं हैं. जिससे इनके यूजर्स बड़े खतरे में पड़ सकते है. इन खामियों की वजह से साइबर स्कैमर्स इनको अपना शिकार बना सकते है.इसके साथ CERT-in ने इन यूजर्स को स्पूफिंग के प्रति भी आगाह किया है.

Apple के इन डिवाइस में है यें खामियां

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CERT-In ने कहा है कि ये खामियां Apple के कुछ डिवाइस में पाईं गई है. इसमें  iOS, iPad OS के 17.6 और 16.7.9 के साथ macOS Sonoma versions 14.6 से पहले के वर्जन शामिल है. इसके साथ इसमें macOS Ventura के 13.6.8 से पहले के संस्करण और macOS Monterey के 12.7.6 से पहले के संस्करण, watchOS के 10.6 से पहले के संस्करण, tvOS के 17.6 से पहले के संस्करण, visionOS के 1.3 से पहले के संस्करण, Safari के 17.6 से पहले के संस्करण शामिल हैं. 

17.6 से पहले के Safari संस्करण

17.6 से पहले के iOS और iPadOS संस्करण

16.7.9 से पहले के iOS और iPadOS संस्करण

14.6 से पहले के macOS Sonoma संस्करण

13.6.8 से पहले के macOS Ventura संस्करण

12.7.6 से पहले के macOS Monterey संस्करण

10.6 से पहले के watchOS संस्करण

tvOS 17.6 से पहले के watchOS संस्करण

1.3 से पहले के visionOS संस्करण

यूजर्स ऐसे करें इनसे अपना बचाव

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CERT-In का कहना है कि ये खामियां अटैकर्स को संवेदनशील जानकारी तक पहुंचने और अपने हिसाब से डिवाइस को इस्तेमाल करने की परमिशन देती है. इनके साथ अटैकर्स यूजर्स के सिक्योरिटी रिस्ट्रिक्शन के साथ भी खिलवाड़ कर सकते है. और अगर इनसे यूजर खुद को सेफ रखना चहते है तो अपने डिवाइस के पुराने वर्जन को लेटेस्ट वर्जन के साथ अपडेट कर लें. इसके साथ यूजर को कोई भी ऐप डाउनलोड करने के लिए किसी भी साइट पर भरोसा नहीं करना चाहिए. इसके साथ कोई भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से बचना चाहिए. कई यूजर्स डिवाइस और सिक्योरिटी को अपडेट नहीं करते है. जिससे साइबर हैकर्स इनका फयदा उठा लेते है. इसलिए यूजर्स को हमेशा लेटेस्ट वर्जन के साथ अपने डिवाइस को अप टू डेट रखने को कहा जाता है.

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