What are kids watching on their phones? : कम उर्म के बच्चे आमतौर पर अपने फोन और लैपटॉप पर अलग-अलग तरह के कंटेंट देखते हैं, जिसमें गेम, यूट्यूब वीडियो, सोशल मीडिया, और एजुकेशनल ऐप्स शामिल हो सकते हैं. बच्चों की पसंद और उनकी उम्र के अनुसार कंटेंट अलग-अलग हो सकती है. कई बार बच्चे कार्टून, एनिमेटेड वीडियो, और शॉर्ट वीडियो क्लिप्स देखना पसंद करते हैं. कुछ बच्चे अपने पसंदीदा गेम्स भी खेलते हैं, जबकि अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर दोस्तों के साथ बात-चीत करते हैं. वहीं कई ऐसे बच्चे भी होते हैं जो अपने फोन या लैपटॉप पर एडल्ट वीडियो भी देखते हैं.
अगर आप यह जानना चाहते हैं कि आपके बच्चे अपने फोन पर क्या देख रहे हैं, तो आप उनसे इस बारे में बात कर सकते हैं, उनके फोन की एक्टिविटी को मॉनिटर कर सकते हैं, और साथ ही पैरेंटल कंट्रोल सेट कर सकते हैं. इससे आपको यह पता करने में मदद मिलेगी कि वो सहीं कंटेंट देख रहे हैं या नहीं.
अगर आपको लगता है कि आपका बच्चा अपने फोन पर एडल्ट वीडियो देख सकता है, तो इसे जानने के लिए आप इन स्पेप्स को अपना सकते हैं और पता कर सकते हैं कि आपका बच्चा क्या देख रहा है.
पैरेंटल कंट्रोल्स सेट करें:
ज्यादा स्मार्टफोन और टैबलेट में पैरेंटल कंट्रोल फीचर्स होते हैं, जिनका यूज करके आप ऐसे कंटेंट पर रोक लगा सकते हैं.
आप Google Family Link, Apple Screen Time, या अन्य पैरेंटल कंट्रोल ऐप्स का यूज कर सकते हैं ताकि यह कंफर्म हो सके कि आपके बच्चे की पहुंच केवल उपयुक्त सामग्री तक है.
ब्राउजिंग हिस्ट्री की जांच करें:
आप ब्राउजर की हिस्ट्री और वॉचलिस्ट (जैसे यूट्यूब) की जांच कर सकते हैं. इससे आपको पता चलेगा कि बच्चा किस तरह की वेबसाइट्स या वीडियो देख रहा है.
ध्यान रखें कि बच्चे ब्राउजर हिस्ट्री को डिलीट भी कर सकते हैं, इसलिए रोजाना चेक करें.
सेफ सर्च फिल्टर सपोर्ट करें:
गूगल और अन्य सर्च इंजन्स में "सेफ सर्च" ऑप्शन होता है, जो गलत कंटेंट को फिल्टर करता है. इसे एक्टिवेट करने से एडल्ट कंटेंट दिखने की संभावना कम हो जाती है.
बच्चों से बात करें:
अपने बच्चे के साथ खुले दिल से बातचीत करें और उन्हें इंटरनेट के खतरों के बारे में समझाएं.
बच्चों को विश्वास में लेकर उनकी इंटरनेट गतिविधियों पर नजर रखने की बात करें. यह उन्हें समझाने में मदद करेगा कि आप उनकी सुरक्षा के लिए यह कर रहे हैं.
मॉनिटरिंग ऐप्स का यूज करें:
आप ऐसे मॉनिटरिंग ऐप्स का यूज कर सकते हैं जो आपके बच्चों के फोन की गतिविधि पर नजर रखने में मददत करती है. ये ऐप्स आपको किसी भी संदिग्ध गतिविधि के बारे में सचेत कर सकते हैं.
VPN और इनकॉग्निटो मोड पर ध्यान दें:
कुछ बच्चे VPN का उपयोग करके प्रतिबंधित वेबसाइट्स तक पहुंच सकते हैं या इनकॉग्निटो मोड में ब्राउज कर सकते हैं. यह जानने के लिए कि आपका बच्चा इस प्रकार की तकनीकों का उपयोग कर रहा है या नहीं, समय-समय पर डिवाइस की सेटिंग्स और एप्स की जांच करें.